एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान को ईरान से भी ऐसे ही हमले का डर सता रहा है. इस डर को दूर करने के लिए पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद मंगलवार को ईरान की तीन दिनों की यात्रा पर रवाना हुए. पाकिस्तानी मंत्री ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी को अपने प्रधानमंत्री इमरान खान का संदेश देने गए हैं. इस बीच, रशीद ईरानी नेता से भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बारे में भी बात करेंगे. वहीं, ईरानी खुफिया विभाग के उप प्रमुख ने कहा कि अगर पाकिस्तानी सरकार आतंकवादियों को दबाने के लिए कार्रवाई नहीं करती है, तो ईरान स्थिति के अनुसार करेगा.
बता दें, भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से ठीक एक दिन पहले यानी 13 फरवरी, 2019 को ईरान में भी एक आत्मघाती बम धमाका हुआ, जिसमें IRGC के जवानों को ले जा रही बस को निशाना बनाया गया था. इस हमले में 27 गार्ड मारे गए. यह हमला ईरान-पाकिस्तान की सीमा से लगे अस्थिर क्षेत्र जाहेदान और खश शहरों के बीच हुआ. जहां इस हमले के बाद सड़क पर खून और मलबा दिखाई दे रहा था. इस हादसे के बाद वहां की सरकार सकते में थी. क्योंकि IRGC ईरान का सबसे शक्तिशाली सुरक्षा बल है, जो सीधे देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खमेनी को रिपोर्ट करता है.
हमले के बाद IRGC के कमांडर-इन-चीफ मोहम्मद अली जाफरी ने कहा कि इससे पहले ईरान अपना ‘बदला’ ले, पाकिस्तान को इस आतंकी संगठन के खिलाफ फौरन कार्रवाई करनी चाहिए. ईरानी मीडिया में छपे सरकारी बयानों के मुताबिक अगर पाकिस्तान जैश-अल-अदल को सजा देने में नाकाम रहा तो ईरान अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा. वहीं, ईरान के उप विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अरगाची ने कुछ दिन पहले ही ट्वीट किया था कि बीते कुछ दिनों में ईरान और भारत आतंकवाद की घृणित कार्रवाई का शिकार हुए हैं. इस हमले की वजह से दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है. हाल ही में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मीटिंग में हमने इस क्षेत्र में आंतकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है.
आखिर क्या है जैश-अल-अदल?
पाकिस्तान की पनाह में बैठकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भारत के खिलाफ साजिश रचता है. ऐसा ही एक पाक परस्त आतंकी संगठन ईरान में भी सक्रिय है, जिसका नाम है जैश-अल-अदल. ये पाकिस्तान के सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक सलाफ़ी जिहादी आतंकवादी संगठन है. जो ईरान में कई हमलों को अंजाम दे चुका है.