आज पूरी दुनिया में रोबोट चर्चा का विषय बने हुए हैं, अक्सर ये खबरें सुनने में आती हैं कि हम इंसान धीरे-धीरे रोबोट के आगे अपनी नौकरियों को खोते जा रहे हैं. ऑटोमेशन इस स्तर पर बढ़ गया है कि इंसान बेरोजगार होता जा रहा है, अब तक विदेशों से आपने ऐसी खबरें सुनी होंगी, लेकिन अब यह खतरा हमारे अपने देश में भी मंडराने लगा है. 
भारत में भी अब स्टील इंडस्ट्री को परंपरागत तरीके से चलाने के बजाए रोबोटिक प्रोडक्शन का उपयोग किया जाएगा, इसकी तैयारियां भी हो चुकी है. रोबोट से मशीनों को ऑपरेट करने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंक्स का उपयोग लिया जाएगा. बताया जा रहा है कि सेंसर के माध्यम से मशीनों को ऑपरेट करने से प्रोडक्शन लागत में भी कमी आएगी. साथ ही खतरनाक कार्यस्थलों पर जान-माल के नुकसान की संभावनाओं से भी बचा जा सकेगा. इस साल बीएसपी में हुए हादसों में ज्यादा ही जनहानि हुई है, इसलिए यह तकनीक भिलाई के लिए उपयोगी साबित हो सकती है.
जर्मनी से निकली चौथी औद्योगिक क्रांति की अलख को भिलाई स्टील प्लांट मुकाम तक लाने में जुट गया है. मंगलवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स (आइआइएम) भिलाई चैप्टर और भिलाई स्टील प्लांट की ओर से मेटलर्जी पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का समापन भिलाई निवास में किया गया. इस अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में छह देशों के 45 संस्थानों के 300 प्रतिभागियों ने भी भाग लिया था.
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