व्यापारिक जहाजों पर संदिग्ध ड्रोन हमलों को लेकर चिंताओं के बीच, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि नई दिल्ली लाल सागर में ‘सामने आ रही स्थिति’ पर करीब से नजर रख रही है। भारतीय नौसेना के जहाज सक्रिय रूप से क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के नए नियुक्त प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने नौवहन की स्वतंत्रता और वाणिज्यिक नौवहन की ‘बेरोकटोक आवाजाही’ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
जयसवाल ने अपनी पहली साप्ताहिक विदेश मंत्रालय ब्रीफिंग में कहा, “क्या हो रहा है, लाल सागर में स्थिति…हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम नेविगेशन की स्वतंत्रता, वाणिज्यिक शिपिंग की मुक्त आवाजाही को बहुत अधिक महत्व देते हैं।” इसी के साथ उन्होने पुष्टि की भारतीय नौसेना सक्रिय रूप से क्षेत्र में गश्त कर रही है। वहीं उन्होंने यह भी सपष्ट किया की भारत वर्तमान में लाल सागर क्षेत्र में किसी भी बहुपक्षीय पहल या परियोजना का हिस्सा नहीं है।
विदेश मंत्रालय का बयान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाल सागर में अपने हितों की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राष्ट्र सक्रिय रूप से गश्त और पहल में भाग ले रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान बढ़ा है।