विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबरेसर्स ने कोरोना टीकाकरण में भारत के योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है। साथ ही उम्मीद जताई है कि अन्य देश भी इसका अनुसरण करेंगे। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने एक ट्वीट करके कहा कि टीकों की आपूर्ति करने में भारत के समर्थन के कारण 60 से अधिक देशों को टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करने में मदद मिली है। वैक्सीन इक्विटी का समर्थन करने के लिए भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद। कोवैक्स को लेकर आपकी प्रतिबद्धता और कोरोना वैक्सीन की खुराक भेजने से 60 से अधिक देशों को अपने हेल्थवर्कर्स और अन्य प्राथमिकता समूहों को टीकाकरण शुरू करने में मदद मिल रही है। उम्मीद है कि अन्य देश आपके उदाहरण का अनुसरण करेंगे।
बता दें कि भारत ने बुधवार को अफ्रीकी देश घाना को संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफके सहयोग से कोवैक्स के तहत वैक्सीन की छह लाख डोज भेजी। कोवैक्स के तहत कोरोना वैक्सीन पाने वाला घाना पहला देश है। कोवैक्स गरीब देशों को कोरोना की वैक्सीन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की योजना है। भारत अब तक दुनिया के विभिन्न देशों को कोरोना वैक्सीन के 361.94 लाख डोज दे चुका है। इसमें से सहायता के तौर पर 67.5 लाख डोज और व्यावसायिक तौर पर 294.44 लाख डोज दिए गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को दी। उन्होंने कहा कि घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखकर विभिन्न देशों को वैक्सीन आपूर्ति आगे भी जारी रहेगी।
फ्री में वैक्सीन प्राप्त करने वाले देशों में बांग्लादेश (20 लाख), म्यांमार (17 लाख), नेपाल (10 लाख), भूटान (1.5 लाख), मालदीव (1 लाख), मॉरीशस (1 लाख), सेशेल्स (50,000) को कोरोनोवायरस वैक्सीन की खुराक की आपूर्ति की गई। ), श्रीलंका (5 लाख), बहरीन (1 लाख), ओमान (1 लाख), अफगानिस्तान (5 लाख), बारबाडोस (1 लाख) और डोमिनिका (70,000) शामिल हैं। वहीं ब्राजील (20 लाख), मोरक्को (60 लाख), बांग्लादेश (50 लाख), म्यांमार (20 लाख), मिस्र (50,000), अल्जीरिया (50,000), दक्षिण अफ्रीका (10 लाख), कुवैत (2 लाख) और यूएई (2 लाख) ने व्यावसायिक आधार पर टीके प्राप्त किए हैं। टीके लैटिन अमेरिकी देशों में भी भेजे जा रहे हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग प्रोड्यूसर है। वर्तमान में दो कोरोना के दो टीके- कोविशिल्ड और कोवैक्सीन का निर्माण कर रहा है।