ईरान और अमेरिका के बीच इन दिनों तनाव के हालात बने हुए हैं. माना जा रहा है कि इस तनाव का असर दुनिया के कई देशों पर पड़ सकता है. वहीं तेल के मामले में भारत प्रभावित हो सकता है. इसको लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि दुनिया में तेल उत्पादक क्षेत्रों में तनाव भारत को प्रभावित करता है. हम देश में तेल उत्पादन बढ़ाने और वैकल्पिक ऊर्जा समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि कुवैत, यूएई और सऊदी अरब में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है.

ईरान और अमेरिका में युद्ध की बनती स्थिति के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल के बढ़े दाम के सवाल के जवाब में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कारणों से कच्चे तेल के दाम में उछाल आया है. इससे निजात पाने के लिए हमारे देश में निजी उत्पादन बढ़े, खाड़ी देशों के अलावा अन्य देशों से भी हम कच्चे तेलों को लाएं और ऊर्जा के अन्य विकल्प की और हम जाएं इस पर भी हम काम कर रहे हैं. कुछ चीजें लॉन्ग मिड और शॉर्ट टर्म की होती हैं. लेकिन आज चिंता बनी हुई है कि विश्व में तनाव ना बढ़े.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज के समय है जब तेल उत्पादन इलाकों में तनाव पैदा होता है तो इसका सीधा सीधा प्रभाव भारत के बाजार पर भी पड़ता है. भारत की अपेक्षा रहेगी कि विश्व में तनाव ना बढ़े और उत्तेजना ना हो इसमें विश्व और भारत दोनों का कल्याण है जिसमें भारत में अपना मत रख दिया है. लगभग एक करोड़ भारतीयों का खाड़ी देशों में फंसे होने के सवाल के जवाब में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इतना घबराने की जरूरत नहीं है सऊदी अरब कुवैत यूएई में शांति है.
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