भारत और चीन के बीच दिन व दिन तल्खी बढ़ती जा रही है। इस तल्खी के चलते चीन की सीमा पर भारत ने टैंक की दीवार खडी कर दी है। अब सवाल ये उठता है की अगर इन परिस्थिती मैं दोनो देशों के मध्य अगर युद्ध छिड़ता है तो दोनो देशों मै से कौन जीतेग और किसे हार का मूह देखना पडेगा.
ये ऐसा सवाल है जिस का जवाब हर कोई जानना चाहेगा
चलिये हम बताते हैं कि भारत और चीन के मध्य सैन्य क्षमता का फासला क्या है, जानिये सैन्य शक्ती मैं कौन बड़ा है और कौन छोटा ?.
भारत ने चीन से सटी सीमा एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूहों पर सैन्य ताकतें बढ़ानी शुरू कर दी है। अंडमान निकोबार द्वीप समुह में सुखोई-३०- फाइटर जेट की तौनाती तो भारत ने कर ही दी है और साथ मैं पूर्वोत्तर में मिसाइलें और खुफिया ड्रोन भी तैनात कर दी हैं। इन स्थानों मैं सैनिकों की संख्या में भी ज़बरदस्त बढ़ोतरी की गयी है।
सर्व प्रथम हम दोनो देशों के सालाना रक्षा बजट की बात करते हैं ।
सर्व प्रथम हम दोनो देशों के सालाना रक्षा बजट की बात करते हैं । मतलब ये की भारत और चीन, अपने अपने देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए सालाना कितना व्यय करते हैं।
चीन ने अपना सालान रक्षा बजट हर साल बढाते हुये २०१५-२०१६ मैं १५० बिलियन डालर तक ले जा चुका है,
वहीं भारत का रक्षा बजट ३६.५ बिलियन डालर का है. यानि की चिन के रक्ष बजट क चौथा हिस्सा.
अब सैन्य शक्ती Military firepower भी देख लें
चीन: अंतर महाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल DF-31A ICBM की रेंज- ११२०० किमी. , सबमरीन लॉन्च्ड बलिस्टिक मिसाइल JL-2 SLBM की रेंज- ७२०० किमी.
भारत: कोई ICBM और SLBM मिसाइल नहीं। अग्नि-३: ३००० किमी रेंज ( अग्नी मिसाइल की जद मैं आधे से ज़्यादा आ जाता है ).। अग्नि-४ और अग्नि-५ फ़िलहाल परीक्षणों के दौर से गुजर रहे हैं।
परमाणु हथियारों की संख्या
भारत: ११०-१२०
चीन: २६०
सैनिकों की संख्या
चीन: 23 लाख सैनिक
भारत: 14 लाख सैनिक
पनडुब्बियां यानी सबमरीन्स
चीन: 56 (5 न्यूक्लियर पावर्ड)
भारत: 14(1 न्यूक्लियर पावर्ड)
लड़ाकू विमान
चीन: 75 (1 एयरक्राफ्ट कैरियर)
भारत: 30 (1 एयरक्राफ्ट कैरियर)