भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को नई दिल्ली में टू प्लस टू वार्ता हुई। इसमें दोनों देशों ने ऐतिहासिक बेसिक एक्सचेंज एंड कॉपरेशन एग्रीमेंट (बीईसीए) समझौते पर हस्ताक्षर किए। जिससे अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी। इस बैठक में अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तथा भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनातनी चल रही है। वार्ता में दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच पहले से कायम करीबी संबंधों को आगे और घनिष्ठ करने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी हितों के व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
इससे पहले दोनों देशों ने जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इनफॉर्मेशन एग्रीमेंट (जीएसओएमआईए) पर 2002 में दस्तखत किए थे। रक्षा समझौता और प्रौद्योगिकी साझा करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत अमेरिका ने 2016 में भारत को ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ का दर्जा दिया था। दोनों देशों ने 2016 में ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ किया था। भारत और अमेरिका ने 2018 में एक और महत्वपूर्ण करार किया था जिसे ‘कोमकासा’ कहा जाता है। बैठक के बाद दोनों ने साझा बयान जारी किया।
भारत-अमेरिका ने इन पांच समझौतों पर किए हस्ताक्षर
बेसिक एक्सचेंज एंड कॉपरेशन एग्रीमेंट
एमओयू फोर टेक्निकल कॉपरेशन ऑन अर्थ साइंसिज
अरेंजमेंट एक्सटेंडिंग द अरेंजमेंट ऑन न्यूकलियर कॉपरेशन
एग्रीमेंट ऑन पोस्टल सर्विसेज
एग्रीमेंट ऑन कॉपरेशन इन आयुर्वेदा एंड कैंसर रिसर्च
अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि मौजूदा स्थितियों में भारत और अमेरिका की दोस्ती न केवल एशिया में बल्कि दुनिया के लिए भी काफी अहम है। उन्होंने कहा कि चीन की तरफ से दुनिया के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बड़े देशों को साथ आना होगा। भारत, जापान और अमेरिका साथ में कई सैन्य युद्धाभ्यास करेंगे। मालाबार एक्सरसाइज भी की जाएगी। इसके अलावा दोनों देश रक्षा से जुड़ी सूचना साझा करने को लेकर नए मुकाम पर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा रक्षा सहयोग निरंतर बढ़ता रहेगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि आज दुनिया में काफी बड़ी चीजें हो रही हैं। दोनों देश नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत-अमेरिका की दोस्ती मजबूत हुई है। पोम्पियो ने कहा कि आज सुबह मैंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसमें गलवां घाटी में शहीद होने वाले 20 जवान भी शामिल थे।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन द्वारा फैलाए गए वायरस का पूरी दुनिया पर असर दिखाई दे रहा है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कई तरह के हथकंडे अपनाकर दुनिया को डराने का प्रयास कर रही है। लेकिन भारत और अमेरिका केवल चीन ही नहीं बल्कि अन्य सभी चुनौतियों से साथ लड़ने के लिए तैयार हैं। भारत और अमेरिका रक्षा, साइबर स्पेस, अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में साथ हैं और मजबूती के साथ खड़े रहेंगे। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सीट का समर्थन करते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका ने महत्वपूर्ण रक्षा समझौते, बीईसीए पर दस्तखत किए। उन्होंने कहा कि आज की बातचीत दोनों देशों के दुनिया में असर को बताती है। हमने दुनिया के कई बड़े मुद्दों पर बात की। दोनों देशों के बीच आर्थिक, रक्षा, सूचना साझा करने से लेकर कई स्तरों पर बात की गई। इन क्षेत्रों में लगातार प्रगति हो रही है। आज भारत और अमेरिका की मुलाकात सिर्फ दो देशों के बीच हुई मुलाकात नहीं है बल्कि इससे दुनिया पर होने वाले प्रभाव को लेकर भी बात की गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती लगातार मजबूत हुई है। टू प्लस टू बैठक में भी दोनों देशों ने कई मामलों पर मंथन किया। इसमें कोरोना वायरस संकट के बाद की स्थिति, दुनिया की मौजूदा स्थिति, सुरक्षा के मसलों पर तथा कई अन्य अहम मुद्दों पर विस्तार से बात की गई।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘अमेरिका के साथ सैन्य स्तर का हमारा सहयोग बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है, रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान की गई है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए फिर से अपनी प्रतिबद्धता जताते हैं। हमारा रक्षा सहयोग निरंतर बढ़ता रहेगा। दोनों देशों ने परमाणु सहयोग बढ़ाने को लेकर कदम बढ़ाए हैं। इसके अलावा भारतीय उपमहाद्वीप में सुरक्षा की स्थिति को लेकर भी विस्तार से बात की।’