भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत पहले चरण में वस्तु और अगले चरण में सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। दोनों पक्षों ने इस साल की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने इस समझौते के तहत आने वाले हफ्तों में क्षेत्र-विशिष्ट वार्ता आयोजित करने का फैसला किया है। दोनों देशों के बीच यह बातचीत अमेरिका द्वारा दो अप्रैल को भारत सहित अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की धमकी के बाद हुई है।
चार दिनों की वार्ता हुई खत्म
भारत और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चार दिनों की वार्ता 29 मार्च को दिल्ली में संपन्न हुई। इसके बाद आने वाले हफ्तों में चर्चा करने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों ने कहा कि समझौते का पहला चरण वस्तु के क्षेत्रों पर केंद्रित हो सकता है और सेवाओं से संबंधित मुद्दे दूसरे चरण में सामने आ सकते हैं।
समझौते को दो चरणों में अंतिम रूप दिया जाएगा।अमेरिकी अधिकारियों का एक दल प्रस्तावित समझौते की रूपरेखा और संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप देने के लिए यहां आया था। इसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है। इस दल की अगुवाई दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडनलिंच ने की।
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को कहा था स्मार्ट
उल्लेखनीय है कि आधिकारिक स्तर की इस वार्ता को तब एक नई ऊर्जा मिली, जब 28 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ”बहुत स्मार्ट व्यक्ति” बताया और इस बात पर जोर दिया कि टैरिफ वार्ता ”भारत और अमेरिका के बीच बहुत अच्छी तरह से काम करेगी”।