आईकॉनिक 4×4 मारुति सुजुकी जिप्सी दो दशकों से अधिक समय से भारतीय सेना की सेवा कर रही है। इस एसयूवी को कई बैचों में फोर्स द्वारा ऑर्डर किया गया। वहीं, अब भारतीय सेना को मारुति सुजुकी जिप्सी को बदलने के लिए नए GS 4×4 व्हीकल्स के अधिग्रहण की मंजूरी मिल गई है। हालांकि, यह ये देखा जाना बाकी है कि कौन ऑटो निर्माता कंपनी या गाड़ी मारुति जिप्सी की जगह हासिल कर पाएगी।
2020 में आखिरी ऑर्डर
सेना द्वारा आखिरी बार इस एसयूवी की डिमांड 2020 में की गई थी, जिसके बाद कंपनी द्वारा इसे सेना को डिलेवर की गई। हालांकि, अब सेना जिप्सी को बदलने के लिए एक नई 4×4, सॉफ्ट टॉप एसयूवी लाने की योजना बना रही है। 35,000 जिप्सी को बदलने और नए हल्के वाहन जीएस (General Service) 4×4 के अधिग्रहण के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की मंजूरी मिली।
उच्च मांग और सशस्त्र स्रोतों से बार-बार आदेशों के कारण मारुति सुजुकी ने 2020 तक सेना को एसयूवी प्रदान करना जारी रखा। नए प्रदूषण और सुरक्षा नियमों के कारण सिविलियन वर्जन को पहले ही बंद कर दिया गया था। भारतीय सेना में जिप्सी की सेवा का समय लगभग 15 वर्ष से ज्यादा रहा है। इस प्रकार रिप्लेसमेंट प्रक्रिया क्रमिक होगी और कई वर्षों तक जारी रहेगी।
कौन सी गाड़ी ले सकती है इसकी जगह?
हालांकि, सवाल यह है कि सेना के लिए जिप्सी की जगह कौन सी कार ले सकती है। इससे पहले महिंद्रा और टाटा जैसे भारतीय कार निर्माता अपने-अपने मॉडलों के लिए सेना से अनुबंध प्राप्त करने के लिए आमने-सामने आ चुके हैं। 2017 में टाटा मोटर्स ने 3,000 से अधिक टाटा सफारी स्टॉर्म एसयूवी की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। एसयूवी का इस्तेमाल सेना के वरिष्ठ अधिकारी जीएस800 (General Services 800) कैटेगरी के तहत परिवहन के लिए कर रहे हैं।
टाटा सफारी या महिंद्रा स्कॉर्पियो?
उसी समय 2017 में महिंद्रा ने महिंद्रा स्कॉर्पियो के साथ ऑर्डर के लिए टाटा मोटर्स को कंपीट किया। हालांकि, सेना की जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त होने के लिए दोनों कारों को कठिन परीक्षणों से गुजरना था। चूंकि सेना फिर से उबड़-खाबड़ इलाकों के लिए नई सॉफ्ट-टॉप 4×4 कारों की तलाश कर रही है, इसलिए कंपनियां फिर से प्रतिस्पर्धा करेंगी। आवश्यकताओं के लिए टेंडर जल्द ही शुरू किया जाएगा। हालांकि, यह देखा जाना बाकी है कि टाटा सफारी स्टॉर्म 2019 में कार का उत्पादन बंद होने के कारण अनुबंध के लिए प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगी या नहीं।