लद्दाख के गलवान घाटी में चीन की करतूत के बाद भारत अब उसे सबक सीखाने में जुट गया है. भारतीय रेलवे ने चीनी कंपनी से अपना एक करार खत्म कर दिया है.
2016 में चीनी कंपनी से 471 करोड़ का करार हुआ था, जिसमें उसे 417 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक पर सिग्नल सिस्टम लगाना था. इससे पहले सरकार ने BSNL और MTNL को निर्देश दिया था कि वो चीनी उपकरणों का इस्तेमाल कम करें.
भारतीय रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (DFCCIL) ने बीजिंग नेशनल रेलवे रसिर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशंस ग्रुप कॉ. लि. से करार खत्म कर दिया है.
इस प्रोजेक्ट के तहत कानपुर और दीन दयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के सेक्शन के बीच 417 किमी में सिग्नलिंग व टेलीकम्युनिकेशंस का काम होना था. इसकी लागत 471 करोड़ रुपये है.
इस मामले पर रेलवे ने सफाई दी है. रेलवे का कहना है कि DFCCIL जो कि भारतीय रेलवे के अधीन है उसने खराब प्रदर्शन के कारण चीनी कंपनी के साथ करार को खत्म किया है. रेलवे ने कहा कि इसे रेलवे ने खत्म नहीं किया है. DFCCIL ने कंपनी के खराब प्रदर्शन के कारण ये फैसला लिया है.
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