सीमा पर तनाव कम हो जाने के बाद भी सरकार ने चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने का प्रयास जारी रखा है. शुक्रवार को रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों ने खराब प्रगति के कारण चीनी फर्म के सिग्नलिंग और दूरसंचार से संबंधित 471 करोड़ रुपये के अनुबंध को रद्द कर दिया है.

इससे पहले गुरुवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट से दो चीनी कंपनियों की बोली रद्द कर दी गई थी. यह ठेका करीब 800 करोड़ रुपये का था.
जानकारी के मुताबिक इन कंपनियों को वहां के अधिकारियों ने लेटर ऑफ अवॉर्ड देने से इनकार कर दिया. अब यह ठेका दूसरे सबसे कम रेट पर बिड करने वाली फर्म को दिया जाएगा. यह ठेका दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दो खंड के लिए था.
कुछ हफ्ते पहले केंद्र सरकार ने सुरक्षा और निजता का हवाला देते हुए लोकप्रिय चीनी ऐप टिकटॉक, शेयरइट और वीचैट समेत कुल 59 चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगा दी थी. चीन के साथ तनाव के बीच इन ऐप पर रोक लगाने की मांग काफी पहले से की जाने लगी थी.
गौरतलब है कि पिछले महीने भारत-चीन नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई एक हिंसक झड़प में हमारे देश के 20 वीर सैनिक शहीद हो गए थे.
इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. चीन को आर्थिक झटका देने की कोशिश के तहत ही देश में चीनी माल के बहिष्कार का अभियान चल पड़ा और सरकार भी लगातार चीनी आयात पर अंकुश और चीनी कंपनियों को सरकारी ठेकों से बाहर करने के प्रयासों से चीन को झटका देने में लगी है.
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