अमेरिकी सांसद ब्रायन फिट्जपैट्रिक ने दावा किया है कि अमेरिका के लगातार दबाव के चलते भारतीय रिफाइनरीज ने रूसी तेल आयात में कमी के संकेत दिए हैं। फिट्जपैट्रिक ने भारत की एक उच्च स्तरीय खुफिया यात्रा के बाद ये दावा किया है। फिट्जपैट्रिक ने भारत के साथ ही दक्षिण एशिया के कई अन्य देशों का भी दौरा किया, जिनमें पाकिस्तान और नेपाल भी शामिल हैं। दक्षिण एशिया के अपने दो सप्ताह के मिशन में समापन पर ब्रायन फिट्जपैट्रिक और उनकी टीम ने मंगलवार को एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि उनकी भारत में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात हुई।
अमेरिकी सांसद का दावा- टैरिफ दबाव का हुआ असर
बयान में कहा गया है कि ‘बातचीत और निरंतर राजनयिक जुड़ाव के कारण, भारतीय रिफाइनरीज से शुरुआती संकेत मिले हैं कि वे रूसी तेल आयात में कमी कर सकती हैं।’ बयान में कहा गया है कि ‘अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के चलते दोनों देशों के बीच आए आर्थिक तनाव से ये दबाव बना है। भारतीय रिफाइनरीज द्वारा रूसी तेल आयात कम करना एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिससे यूक्रेन युद्ध में रूस के वित्तपोषण को कमजोर करने में मदद मिलेगी। यह मास्को की आक्रामकता को कम करने और हमारे सहयोगियों को एकजुट करने की दिशा में एक सार्थक कदम है।’
पाकिस्तान और नेपाल का भी किया दौरा
ब्रायन फिट्जपैट्रिक, जो खुफिया मामलों पर सदन की स्थायी प्रवर समिति की सीआईए उपसमिति के अध्यक्ष हैं। उनके साथ दक्षिण एशियाई देशों के दौरे पर सदन की खुफिया समिति की सदस्य और सांसद क्रिसी हौलाहन भी साथ रहीं। अमेरिकी सांसद ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास का भी दौरा किया, साथ ही राजनयिक और सुरक्षा कर्मियों से मुलाकात की, और बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था का भी दौरा किया। अमेरिकी दल ने भारत के अलावा पाकिस्तान और नेपाल का भी दौरा किया और वहां भी खुफिया अधिकारियों और राजनयिकों से मुलाकात की।
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