केंद्र सरकार ने स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अगले तीन वर्ष के भीतर भारतीय भाषाओं में सभी पाठ्यक्रमों के लिए अध्ययन सामग्री डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य छात्रों को उनकी अपनी भाषा में अध्ययन करने का अवसर प्रदान करना है।
भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश जारी
शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, सरकार ने सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा नियामकों जैसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई), राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), आइआइटी और एनआइटी को अगले तीन वर्ष में सभी पाठ्यक्रमों के लिए भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
बयान में कहा गया है, यूजीसी, एआइसीटीई और स्कूली शिक्षा विभाग को भी राज्य के स्कूलों और विश्वविद्यालयों के संबंध में मुद्दा उठाने के लिए कहा गया है। यह निर्देश हर स्तर पर शिक्षा में बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के तहत दिया गया है, ताकि छात्रों को अपनी भाषा में अध्ययन करने का अवसर मिल सके।
सरकार पिछले दो वर्षों से इस दिशा में काम कर रही है
बयान में कहा गया है कि अपनी भाषा में अध्ययन करने से छात्रों को बिना किसी बाधा के नवोन्मेषी ढंग से सोचने का स्वाभाविक मौका मिल सकता है। इसमें कहा गया है कि स्थानीय भाषाओं में सामग्री मिलने से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में मदद मिलेगी। मंत्रालय ने कहा, सरकार पिछले दो वर्षों से इस दिशा में काम कर रही है। इंजीनिय¨रग, मेडिकल, कानून और कौशल पुस्तकों का अनुवाद अनुवादिनी एआइ आधारित एप के माध्यम से किया जा रहा है।