डॉक्टर रेड्डीज, वर्कहार्ट, ऑरोबिंदो और ग्लेनमार्क जैसी मेडिसिन बनाने वाली बड़ी भारतीय फार्मा कंपनियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। इन बड़ी फार्मा कंपनियों पर अमेरिका में एंटी-ट्रस्ट का मुकदमा दायर हुआ है, मंगलवार को इन कंपनियों ने दामों को फिक्स करने के आरोपों से इनकार किया है।
ये घरेलू मेडिसिन निर्माता कंपनियां 21 नॉर्मल मेडिसिन कंपनियों और 15 अन्य व्यक्तिगत प्रतिवादियों में से हैं, जिनके खिलाफ अमेरिका के 49 राज्यों के अटॉर्नी जनरल, प्यूर्टो रिको के कॉमनवेल्थ और कोलंबिया जिले ने अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 116 मेडिसिन के संबंध में शिकायत दर्ज की थी। कंपनियों पर कीमतों को फिक्स करने और ग्राहकों को बांटने के लिए एंटी-ट्रस्ट कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। स्टॉक एक्सचेंजों को अलग-अलग स्पष्टीकरण में कंपनियों ने इस प्रकार के आरोपों से इनकार किया और कहा कि वे मामले में खुद के बचाव के लिए खड़े रहेंगे।
डॉक्टर रेड्डीज ने कहा कि हम इन आरोपों का पूरी तरह से विरोध करेंगे और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में इसके लिए काम कर रहे हैं। कंपनी ने कहा कि उसकी अमेरिकी सहायक कंपनी का ‘ओवररचिंग कॉन्सपिरेसी’ के लिए 5 जेनेरिक मेडिसिन (सिप्रोफ्लोक्सासिन एचसीएल टैबलेट, ग्लिमपिराइड टैबलेट, ऑक्सापैरोजिन टैबलेट, पैरिकलसिटोल और टीजेनिडाइन) को लेकर खासतौर पर नाम लिया गया है। कंपनी ने इसके आगे कहा कि वर्तमान में इस तरह से कंपनी के संचालन में किसी तरह का प्रभाव नहीं होगा और आगे सबकुछ ठीक होता रहेगा।
सन फार्मा ने कहा कि राज्यों की तरफ से दायर दूसरे मुकदमों में इसकी सहायक टैरो फार्मास्यूटिकल्स यूएसए इंक का नाम दिया गया है। कंपनी ने एक न्यूज आर्टीकल में स्टॉक एक्सचेंजों को अपनी स्पष्टीकरण में कहा कि इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं और हमारी सहायक कंपनियां इस तरह के आरोपों के खिलाफ खड़ी रहेंगी।
वॉकहार्ट ने कहा कि एंटी-ट्रस्ट एक्शन कई जेनेरिक मेडिसिन की कीमत में बढ़ोतरी का है। कंपनी ने इस तरह के आरोपों को खारिज किया है और इस मामले के खिलाफ सख्ती से बचाव कार्य में जुटी हुई है।
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