भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल की पार्टी और संघ से छुट्टी लगभग तय

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल की भाजपा और संघ से छुट्टी लगभग तय मानी जा रही है। उनकी भतीजी की लखनऊ के ताज होटल में हुई शादी ने रामलला की भाजपा और राष्ट्रीय संघ में हालत पतली कर दी है। संघ परिवार उनकी भतीजी की शादी एक मुस्लिम से होने को लेकर सकते में तो है ही, बेहद अचंभित भी है। उसे समझ में नहीं आ रहे हैं कि एक संघ प्रचारक इतना राजनीतिक कैसे हो सकता है? रामलाल से उसे इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं थी।

वे इस विवाह से यह कहकर भी किनारा कर सकते थे कि वे गृहस्थ जीवन से विरत हो चुके हैं लेकिन उक्त वैवाहिक कार्यक्रम में न केवल उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्री भी उपस्थित हुए। सबने वर-वधू को आशीर्वाद दिया। इससे संघ और भाजपा के हिंदुत्व और लव जेहाद के मुद्दे को जोर का झटका लगा है। इस विवाह के बाद लोग भाजपा की कथनी और करनी पर सवाल उठाने लगे हैं। भाजपा में भी इस तरह की चर्चाएं आम हो गई हैं।

रामलाल की भतीजी श्रेया गुप्ता ने मुंबई फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े फैजान करीम से गत दिनों होटल ताज में धूमधाम से शादी की
गौरतलब है कि रामलाल की भतीजी श्रेया गुप्ता ने मुंबई फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े फैजान करीम से गत दिनों होटल ताज में धूमधाम से शादी की थी। इस विवाह समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, वरिष्ठ भाजपा नेता भूपेंद्र यादव, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा आदि कई राजनीतिक दिग्गज शामिल हुए और उन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद दिया। इस विवाह समारोह में भाग लेने के लिए राजनीतिज्ञों को कुछ इस तरह कार्ड बांटे गए थे जैसे कि कोई सामान्य कार्यकर्ता बांटता है। संघ परिवार ने इस प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लिया है।

हिंदुत्व के मुद्दे पर मैदान में उतर रही भाजपा की भी इस शादी से स्थिति अत्यंत असहज हो गई
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व के मुद्दे पर मैदान में उतर रही भाजपा की भी इस शादी से स्थिति अत्यंत असहज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी इस बाकये से बेहद नाराज हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तो लव जेहाद को रोकने का नारा ही था लेकिन इस शादी ने योगी आदित्यनाथ की लव जेहाद की मुहिम को ही पलीता लगा दिया है। रामलाल की इसके अलावा भी बहुत सारी शिकायतें संघ परिवार को मिलती रही हैं।

उन पर एक आरोप तो यही लगता रहा है कि वे एक खास जाति वर्ग के कुछ लोगों को ही तरजीह देते और फायदा पहुंचाते रहे हैं। भाजपा के स्थापना पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर चल रही योजनाओं का लाभ भी वे अपने चहेतों को पहुंचाते रहे हैं। सूत्र बताते हैं भाजपा के शलाका पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय के गांव नगला चंद्रभान में एक सिलाई केंद्र चलता है। झारखंड विधानसभा के लिए दो करोड़ के झंडे बनने थे लेकिन इस काम को भी उन्होंने अपनी बिरादरी के नवीन मित्तल को दिलवाया था।

अपनी जाति के कुछ खास लोगों को उपकृत और प्रमोट करने के लिए संघ और भाजपा में उनके खिलाफ आवाज मुखर होने लगी थी। हाल ही में उत्तराखंड में एक संघ प्रचारक पर एक महिला से अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगा था। उन पर भी रामलाल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नजरें इनायत रही हैं।

भतीजी की एक मुस्लिम युवक से शादी और उसका राजनीतिक जलसा रामलाल को भारी पड़ने वाला
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री की भतीजी की एक मुस्लिम युवक से शादी और उसका राजनीतिक जलसा रामलाल को भारी पड़ने वाला है। इससे संघ परिवार खुद को ठगा महसूस कर रहा है। जिस तरीके से इस शादी में नेताओं और मंत्रियों का आगमन हुआ, उसे लेकर भी संघ कुपित है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रामलाल को इस मुद्दे पर न केवल तलब कर फटकार लगाई बल्कि खबर तो यह भी मिल रही है कि उन्हें अपना बोरिया-बिस्तर समेट लेने का भी संदेश दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संघ परिवार इस प्रकरण से बेहद आहत है क्योंकि इससे उसके हिंदुत्व के एजेंडे को चोट लगी है।

संघ परिवार भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के तौर पर विनय सहस्त्रबुद्धे का आगे बढ़ा सकता है नाम
सूत्र बताते हैं कि संघ प्रमुख ने संघ के दो अखिल भारतीय स्तर के पदाधिकारियों को रामलाल एंड पार्टी की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दे दिया है। वे इनके पूर्व के कारनामों की जांच करेंगे और वस्तु स्थिति से उन्हें यथाशीघ्र अवगत कराएंगे। शादी में वेदी के समक्ष वर-वधू का कुर्सी पर बैठना भी संघ परिवार को काफी खला है। इसे हिंदू संस्कृति और सभ्यता के विपरीत माना जा रहा है। बिना यज्ञोपवीत के हिंदू विवाह पूर्ण माना ही नहीं जाता लेकिन इस विवाह के हिंदू रीति-नीति से कराए जाने का ढोंग तो हुआ लेकिन हिंदू रीतियों का उतना ही निरादर भी हुआ।

समझा जा रहा है कि संघ परिवार भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के तौर पर विनय सहस्त्रबुद्धे का नाम आगे बढ़ा सकता है। यह भी संभव है कि मई में भाजपा में सांगठनिक फेरबदल हो और तब तक के लिए राम माधव को रामलाल की जगह दायित्व संभालने को कहा जाए। संघ के वरिष्ठ नेता डॉ. कृष्ण गोपाल को भी यह दायित्व सौंपा जा सकता है। वैसे इस पूरे प्रकरण को लेकर संघ प्रमुख की नाराजगी बेहद मायनेखेज है।

रामलाल को भाजपा और संघ को छोड़कर कहां नियोजित किया जाए और उनकी जगह किसे दायित्व सौंपा जाए, इस पर मंथन तेज हो गया है। लालकृष्ण आडवाणी, सुब्रह्मण्यम स्वामी, अशोक सिंघल के परिवार की लड़कियों द्वारा मुस्लिम साथी चुने जाने से संघ परिवार पहले ही आहत था। इस घटना के बाद उसका गुस्सा चरम पर है। ऐसा समझा जा रहा है कि संघ में ढोंगियों के लिए जगह अब नहीं बची है। स्क्रीनिंग शुरू हो गई है। संघ में कथनी और करनी के अंतर वाले लोगों को चुन-चुन कर बाहर निकालने पर मंथन चल रहा है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com