समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बीजेपी सरकार के इशारे पर हमला किया गया था.

अखिलेश कानपुर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और परिवार वालों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार अंग्रेजों की तरह ‘डिवाइड एंड रूल पॉलिसी’ पर काम कर रही है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि नागरिक समाज को धर्म के नाम पर बांटते हुए हिंदू-मुस्लिम में खाई पैदा की जा रही है. हिंसा में किस तरह शासन की लापरवाही की वजह से लोगों की जान गई, यह कौन नहीं जानता.
लखनऊ और कानपुर में अनुभवहीन अफसरों की वजह से घटना हुई है, जो सरकार की नाकामी दर्शा रही है. प्रदेश में हुई हिंसक घटनाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से कराई जाए तो सारा सच सामने आ जाएगा. वैसे भी प्रदर्शन करने वालों पर भाजपा के इशारे पर ही हमला करवाया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि छह माह पहले प्रदेश सरकार के तीन सौ विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. इसके तुरंत बाद ही प्रदेश में ऐसी घटना हो गई. अब सभी चुप्पी साध गए हैं और अपना-अपना अस्तित्व बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
अखिलेश ने कहा, “नोटबंदी हो या जीएसटी, फिर चाहे टेनरी बंदी, प्रदेश और केंद्र सरकार हर जगह नाकाम साबित हुई है.”
बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने कानपुर में यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था. उस दौरान जबरदस्त पथराव भी हुआ जिसमें पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे.
पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे. शहर के बाबूपुरवा, नयी सड़क, मूलगंज, दलेलपुरवा, हलीम कालेज और अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में लोग सड़कों और गलियों में एकत्र होकर प्रदर्शन कर रहे थे.
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