भारत, दुनिया में तीसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा कोरोना केस हैं और आठवां ऐसा देश है जहां कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं. हालांकि, कोरोना से हो रही मौतों की वृद्धि दर के संदर्भ में देखें तो यह भारत में सबसे ज्यादा है.
5 जुलाई को भारत में 613 मौतें दर्ज की गईं. 16 जून को महाराष्ट्र सरकार ने संशोधित आंकड़ा जारी किया था, जिसकी वजह से एक ही दिन में 2,000 से अधिक मौतें दर्ज की गई थीं. अगर हम इसे छोड़ दें, तो 5 जुलाई को हुई मौतों का आंकड़ा अब तक का एक दिन में दर्ज हुआ सबसे बड़ा आंकड़ा है.
डेटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने 10,000 से अधिक कोविड-19 मौतों वाले देशों के आंकड़ों का विश्लेषण किया और पाया कि भारत न सिर्फ मौतों के मामले में उच्च वृद्धि दर का सामना कर रहा है, बल्कि रोजाना मौतों का ग्राफ भी ऊपर की ओर जा रहा है.
मौतों की वृद्धि दर के मामले में भारत के बाद मैक्सिको (2.1 प्रतिशत), ब्राजील और पेरू (1.8 प्रतिशत), रूस (1.7 प्रतिशत) और ईरान (1.4 प्रतिशत) हैं. अमेरिका में 1.3 लाख मौतों के बावजूद कोविड-19 मौतों की वृद्धि दर कम है. पिछले एक हफ्ते में यहां 0.5 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज हुई है जो कि वैश्विक औसत से कम है.
भारत में एक तरफ कोविड-19 की मृत्यु दर में वृद्धि कम नहीं हो रही है और दूसरी ओर दैनिक मौतों में इजाफा हो रहा है. पिछले तीन हफ्तों से देश में कोविड-19 मौतों की वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत से ऊपर रही है.
मौतों का सात-दिवसीय रोलिंग एवरेज का ग्राफ भी ऊपर की ओर जा रहा है. हमारी गणना के अनुसार, भारत में 6 जुलाई को मौतों का सात-दिवसीय रोलिंग एवरेज 460 था. इसका मतलब है कि भारत में पिछले एक हफ्ते में हर दिन औसतन 460 मौतें हो रही हैं… और हम अभी महामारी के शिखर पर नहीं पहुंचे हैं! ठीक तीन महीने पहले भारत में प्रतिदिन औसतन 10 मौतें हो रही थीं.
अमेरिका में दैनिक मौतों की संख्या 2,500 से घटकर 600 तक आ गई है. “Our World in Data” के मुताबिक, 6 जुलाई को अमेरिका में 271 मौतें दर्ज हुईं. इसी दिन भारत में 425 मौतें दर्ज हुईं.
न सिर्फ अमेरिका, बल्कि उच्च मृत्यु दर वाले अन्य देशों में भी दैनिक मौतों में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है.
ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, स्पेन और मैक्सिको कोरोना के चलते 25,000 से ज्यादा मौतें दर्ज हुई हैं. हालांकि, इन देशों में भी सात दिनों के रोलिंग एवरेज का ग्राफ नीचे की ओर जाता दिख रहा है. ब्राज़ील अपवाद है जहां दैनिक मौतों का औसत 1,000 से ऊपर है. यहां ग्राफ की वक्र रेखा अगर नीचे की ओर झुकी नहीं है तो कम से कम समतल है. लेकिन भारत के बारे में ऐसा नहीं कह सकते.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों का उपयोग करते हुए DIU ने राज्य-वार कोरोना से हो रही मौतों का अध्ययन किया.
आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना से होने वाली मौतें कर्नाटक में तेजी से बढ़ रही हैं. पिछले एक सप्ताह में यहां मौतों की संख्या 226 से बढ़कर 372 हो गई. राज्य में करीब हर नौ दिनों में मौतों की संख्या दोगुनी हो रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत 27 दिनों का है.
तमिलनाडु में कोविड-19 मौतों की संख्या हर 14 दिन में दोगुनी हो रही है. राज्य में पिछले एक सप्ताह में 370 और 6 जुलाई तक कुल 1,510 मौतें हुई हैं. 300 से अधिक मौतों के साथ तमिलनाडु और कर्नाटक दो ऐसे राज्य हैं, जहां राष्ट्रीय औसत की तुलना में मौतें तेजी से बढ़ रही हैं.
पिछले सप्ताह भारत में 2,800 लोगों ने कोरोना के चलते जान गवांई है. इनमें से 90 प्रतिशत मौतें सिर्फ आठ राज्यों में हुई हैं- महाराष्ट्र में 43 प्रतिशत, दिल्ली में 14 प्रतिशत, तमिलनाडु में 13 प्रतिशत, कर्नाटक में 5 प्रतिशत, गुजरात में 4 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 4 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 4 प्रतिशत और राजस्थान में 2 प्रतिशत.
ठीक एक महीने पहले भारत में कुल साप्ताहिक मौतों में कर्नाटक का प्रतिशत एक से भी कम था. लेकिन इस हफ्ते भारत की 5 फीसदी मौतें इसी राज्य में हुईं. हालांकि, गुजरात में इसी अवधि में मौतों की संख्या 10 प्रतिशत से घटकर 4 प्रतिशत तक आ गई है.
कुल मिलाकर भारत में कोविड-19 से होने वाली कुल मौतों का लगभग 60 प्रतिशत महाराष्ट्र और दिल्ली में है.
बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए कर्नाटक ने बेंगलुरु में 2 अगस्त तक हर रविवार को लॉकडान की घोषणा की है. तुर्की में भी जब कोविड-19 केसों में वृद्धि हुई तो सप्ताहांत में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी.
बुरी तरह से प्रभावित राज्यों में से कोई भी राज्य अब तक दैनिक मौतों के आंकड़ों में उल्लेखनीय रूप से कमी नहीं कर पाया है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और बंगाल में मौतों का सात-दिवसीय रोलिंग एवरेज बढ़ रहा है और महाराष्ट्र में यह सबसे ज्यादा है. दैनिक मौतों का औसत महाराष्ट्र में 199, दिल्ली में 63, तमिलनाडु में 62, कर्नाटक में 23, गुजरात में 19, उत्तर प्रदेश और बंगाल में 17 है.
इन राज्यों में से दिल्ली, गुजरात और उत्तर प्रदेश में दैनिक मौतों के आंकड़े का ग्राफ समतल है और इसमें कोई उल्लेखनीय कमी दर्ज नहीं हुई है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में दैनिक मौतों का ग्राफ ऊपर की ओर जा रहा है, यानी दैनिक मौतों की संख्या बढ़ रही है.