रेलवे बोर्ड जल्द ही आरपीएफ में पांच हजार जवानों की भर्ती करेगा। इसके लिए सभी रेल मंडलों से जवानों के खाली पड़े पदों की संख्या को मांगा गया है। इसके पहले रेलवे बोर्ड ने सर्वे कराके पता किया था कि जवानों की कमी के कारण यात्री और रेल सुरक्षा में कौन-कौन सी समस्याएं आ रही हैं? अगले तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया के शुरू होने की उम्मीद है।
प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। खासकर त्योहार, वैवाहिक व छुट्टियों के दिनों में रेलवे स्टेशन क्षेत्र में भीड़ बनी रहती हैं। ऐसी स्थिति में आरपीएफ के लिए भीड़ को नियंत्रित करना व सुरक्षा देना एक बड़ी चुनौती रहती है।
ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ ने जो प्लान तैयार किया है, उस पर अमल नहीं हो पा रहा है। कारण जवानों की कमी आड़े आ रही है। हालातों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुरक्षा के लिहाज से चिह्नित आधी ट्रेनों में ही स्क्वाएड जा रहा है।
दरअसल, आरपीएफ जवानों को ट्रेन स्क्वॉड के अलावा वीआईपी मूवमेंट, वेतन सुरक्षा, बस रेड चेकिंग, रेलवे अधिकारी (नॉन कोर एरिया) आवास और अन्य बंदोबस्त ड्यूटियां निभानी पड़ती है। इससे अक्सर फोर्स की कमी बनी रहती है। कमोवेश यह स्थिति हरेक रेल मंडल में बनी हुई हैं।
जवानों की कमी के कारण सुरक्षा प्रभावित
हाल में रेलवे बोर्ड ने एक सर्वे कराके पता किया कि जवानों की कमी के कारण सुरक्षा से जुड़े कौन-कौन से काम प्रभावित हो रहे हैं? इस रिपोर्ट के आधार पर पांच हजार जवानों की सख्त आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसलिए रेलवे बोर्ड ने इन पदों को शीघ्र भरने का निर्णय लिया है।
झांसी मंडल से भी जवानों के खाली पदों की संख्या मांगी गई है। इस मामले में आरपीएफ कमांडेंट आशीष मिश्रा ने बताया कि रेलवे बोर्ड को खाली पदों के बारे में पत्र लिख दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
150 जवानों की कमी
झांसी रेल मंडल में अभी 700 आरपीएफ जवान तैनात हैं। जबकि, 150 जवानों की कमी चल रही हैं। इस कमी के कारण 33 ट्रेनों में ही स्क्वॉड चल पा रहा है।
यह भी चल रही तैयारी
रेलवे बोर्ड हरेक स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों और यात्रियों की संख्या के हिसाब से सुरक्षा का ढांचा तैयार कर रहा है। इसके लिए प्रमुख स्टेशनों को चिह्नित कर वहां रुकने वाली ट्रेनों की संख्या और सफर करने वाले यात्रियों के हिसाब से प्रारूप तैयार किया जा रहा है। अगर इस योजना पर काम हुआ तो तीन गुना जवानों की आवश्यकता पड़ेगी। अभी भारतीय रेल में 65 हजार जवान तैनात हैं।