प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य सलाहकार पीके सिन्हा ने व्यक्तिगत कारणों को वजह बताते हुए इस्तीफा दे दिया है । सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। प्राप्त खबर के अनुसार, पीके सिन्हा ने कल यानी सोमवार को ही अपना इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार के तौर पर उन्हें 2019 में नियुक्त किया गया था।
PMO से निकलने वाले वे दूसरे शीर्ष अधिकारी हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा ने इस्तीफा दिया था। पी के सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत इलाहाबाद में अस्टिटेंट कलेक्टर के तौर पर की थी। पूर्व में 2015 में केंद्र सरकार ने कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया था।
कैबिनेट के सेक्रेटरी पद से रिटायरमेंट के बाद उन्हें पीएमओ में मुख्य सलाहकार का पद सौंपा गया था। इस पद पर उनकी नियुक्ति 11 सितंबर 2019 को की गई। उन्होंने 13 जून, 2015 से 30 अगस्त, 2019 तक कैबिनेट सेक्रेटरी के तौर पर काम किया। वे उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के भारतीय प्राशसनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं। उन्होंने पावर और जहाजरानी मंत्रालयों में सचिव का पद भी संभाला हैै। उन्होंने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में विशेष सचिव के रूप में भी काम किया है।
वे दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और बाद में सेवा के दौरान उन्होंने लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और सामाजिक विज्ञान में एम.फिल की डिग्रियां प्राप्त की। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अपने लंबे कार्यकाल के दौरान सिन्हा ने उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार के विभिन्न पदों पर विशिष्टतापूर्वक काम किया।