CM योगी जी की सुरक्षा के लिए अनुमोदित ग्रीन बुक में सुरक्षा फ्लीट की वर्तमान संरचना क्रम में परिवर्तन के प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए 2017 में ग्रीन बुक जारी की गई थी।
मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने 6 जुलाई 2020 को शासन को पत्र भेजकर कहा था कि सुरक्षा फ्लीट में वीआईपी स्पेयर कार वीआईपी कार से तीन वाहन पीछे चलने के कारण वीआईपी कार में कोई तकनीकी समस्या आने पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री को सुरक्षा घेरे में लेकर वीआईपी स्पेयर कार से बदलने में कठिनाई होगी। साथ ही सुरक्षा घेरा भी वीआईपी स्पेयर कार के पीछे होने से मजबूत नहीं रह पाएगा।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण एवं सुरक्षा की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति की गठन किया गया था, जिसने सुझाव दिया है कि सुरक्षा कारणों से वीआईपी स्पेयर कार का स्थान स्कोर्ट टू के पीछे कर दिया जाए। यह परिवर्तन हो जाने पर मुख्यमंत्री के जिलों के भ्रमण कार्यक्रमों के दौरान वीआईपी स्पेयर कार को वीआईपी कार से तत्काल बदला जा सकेगा। साथ ही सुरक्षा घेरा भी मजबूत बना रहेगा।
गोरखपुर महानगर की यातायात व्यवस्था को सुगम एवं सुचारू बनाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) परियोजना को सरकार की हरी झंडी मिल गई है। परियोजना की कुल लागत 4672 करोड़ रुपये है। इसे 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को गोरखपुर एलआरटी परियोजना के क्रियान्वयन तथा डीपीआर को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी।
परियोजना के तहत कुल 27.84 किलोमीटर की लंबाई में दो एलिवेटेड कॉरीडोर प्रस्तावित हैं। पहला कॉरीडोर श्यामनगर से मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज तक होगा, जिसकी प्रस्तावित लंबाई 15.14 किलोमीटर होगी। इस कॉरीडोर पर स्टेशनों की संख्या 14 होगी। दूसरा कॉरीडोर बीआरडी मेडिकल कॉलेज से नौसढ़ चौराहा तक रहेगा। इस कॉरीडोर की प्रस्तावित लंबाई 12.70 किलोमीटर होगी। इस पर स्टेशनों की संख्या 13 होगी।
कैबिनेट ने गाजीपुर में ताड़ीघाट-बारा-कुम्हार-चौसा मार्ग (स्टेट हाईवे-99) के सुदृढ़ीकरण और मार्ग के दोनों ओर 1.50 मीटर चौड़ाई में पेव्ड शोल्डर की संशोधित लागत को हरी झंडी दे दी है। 38.60 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर 271.58 करोड़ रुपये का व्यय होगा। यह मार्ग गाजीपुर में ताड़ीघाट से प्रारंभ होकर बारा होते हुए बिहार के बक्सर को जोड़ता है। इस मार्ग से बजरी-मोरंग और कोयला की ढुलाई होती है।