एक नवंबर 2020 से देश में रसोई गैस सिलिंडर (LPG) से जुड़ा एक अहम नियम बदलने वाला है। अगले माह से गैस सिलिंडर की होम डिलीवरी की प्रक्रिया बदल जाएगी। इसके लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जरूरा हो जाएगा। इस सिस्टम को डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) का नाम दिया गया है।
गैस सिलिंडर की चोरी रोकने के लिए और ग्राहकों की पहचान के लिए कंपनिया डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड सिस्टम शुरू कर रही हैं। शुरुआत में यह 100 स्मार्ट सिटी में लागू होगा। जयपुर में इसका पायलट प्रोजेक्ट पहले से ही चल रहा है। बाद में इस व्यवस्था को अन्य शहरों में लागू किया जाएगा।
यानी अब सिर्फ बुकिंग कराने पर आपको सिलिंडर की डिलीवरी नहीं मिलेगी। इसके लिए आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजा जाएगा, उस कोड को आपको डिलीवरी ब्वाय को बताना होगा। ऐसा करने पर ही ग्राहकों को रसोई गैस सिलिंडर मिलेगा। इसलिए अगर किसी ग्राहक का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसको एप के जरिए अपना नंबर अपडेट करवा सकते हैं। यह एप डिलीवरी ब्वाय के पास होगा। नंबर अपडेट कराने के बाद कोड जनरेट हो जाएगा।
हालांकि, इस व्यवस्था से ऐसे लोगों को थोड़ी असुविधा हो सकती है, जिन्होंने पेट्रोलियम कंपनी के साथ अपना मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराया है। नए नियम से जिन ग्राहकों ने अपनापता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज कराया हुआ है, उन्हें दिक्क हो सकती है। गलत जानकारी के चलते उनकी डिलीवरी रोकी जा सकती है। यह सिस्टम कमर्शियल सिलिंडर पर लागू नहीं होगा। इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि गैस की डिलीवरी किसी गलत व्यक्ति को नहीं हुई है।
मौजूदा समय में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी प्रदान करती है। अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलिंडर लेना चाहते है, तो वे उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदते हैं। गैस सिलिंडर की कीमत हर महीने बदलती है। इसकी कीमत औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक निर्धारित करते हैं।