अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत 2022 के यूपी चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए बढ़त मानी जा रही है. ऐसे में प्रदेश की अन्य विपक्षी पार्टियों ने अभी से चुनवी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी हिंदुओं और ब्राह्मणों को लुभाने के लिए परशुराम की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने पर विचार कर रही है. पार्टी यह मूर्ति लखनऊ में लगाएगी, हालांकि जगह अभी ढूंढ़ी जा रही है. मूर्ति की ऊंचाई 108 फीट होगी.
प्रतिमा बनवाने के लिए समाजवादी पार्टी देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार अर्जुन प्रजापति और लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में लगी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भव्य मूर्ति बनाने वाले राजकुमार के संपर्क में हैं. इतना ही नहीं प्रतिमा बनवाने के लिए परशुराम चेतना पीठ ट्रस्ट बनाया जाएगा. साथ ही इसके निर्माण कार्य के लिए चंदा जुटाने का काम भी किया जाएगा जो पार्टी के नेताओं द्वारा ही संपन्न होगा.
आने वाले दिनों में पार्टी प्रदेश के हर जिले में परशुराम की मूर्ति लगवाने और ब्राह्मणों को आकर्षित करने के लिए सम्मेलन का आयोजन करेगी. इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी सभी जिलों में आजादी की लड़ाई का शंखनाद करने वाले मंगल पांडेय की प्रतिमा लगवाने पर भी विचार कर रही है.
सूत्रों की मानें तो पिछले महीने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के ब्राह्मण नेताओं के बीच बैठक हुई थी. जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्र, पूर्व मंत्री व ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय समेत अन्य नेता शामिल हुए थे.
समाजवादी पार्टी के एक नेता ने यह भी बताया है कि पार्टी प्रदेश में गरीब ब्राह्मण परिवारों को उनकी बेटियों की शादी कराने में आर्थिक मदद भी करेगी. बता दें, यूपी की आबादी 22 करोड़ से ज्यादा है, जिसमें करीब 11 प्रतिशत ब्राह्मण हैं.
कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से कई राजनीतिक दल इसे ब्राह्मण एंगल देने में जुटे हैं. इस दिशा में आगे बढ़ने वाली सबसे पहली पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) है. विकास दुबे के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद मायावती ने 12 जुलाई को एक बयान जारी कर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर अपरोक्ष रूप से ब्राह्मणों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.
मायावती ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि प्रदेश सरकार ऐसा कुछ ना करे जिससे ब्राह्मण समाज आतंकित, भयभीत और असुरक्षित महसूस करें. 2007 विधानसभा चुनाव में मायावती ब्राह्मण वोटों के चलते ही प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही थी. वहीं विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से कुछ लोग इसे ब्राह्मण विरोधी एंगल दे रहे हैं. ऐसे में बसपा प्रमुख ब्राह्मणों को रिझाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहतीं.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी बीजेपी पर निर्दोष ब्राह्मणों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था जिसके बाद सरकार के तीन ब्राह्मण मंत्री डॉ दिनेश शर्मा, ब्रजेश पाठक और सतीश द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष पर हमला बोला था.
बता दें कि कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बीजेपी के मजबूत ब्राह्मण वोट बैंक पर सेंधमारी करने के लिए ‘ब्राह्मण चेतना संवाद’ की शुरुआत भी की है.