सरकार टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड (पूर्व में विदेश संचार निगम लिमिटेड) में अपनी कुल बची हुई हिस्सेदारी का एक हिस्सा बिक्री पेशकश के जरिए खुले बाजार में बेचेगी। सरकार के बाकी शेयर टाटा संस की निवेश इकाई पेनाटोन फिनवेस्ट लिमिटेड को बेचे जाएंगे। कंपनी ने एक बाजार सूचना में इसकी जानकारी दी कि वर्तमान में टाटा कम्युनिकेशंस में सरकार की 26.12 फीसदी, पेनाटोन फिनवेस्ट लिमिटेड की 34.8 फीसदी और टाटा संस की 14.07 फीसदी हिस्सेदारी है।
मामले में टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड (टीसीएल) ने नियामकीय सूचना में कहा कि, ‘टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने भारत के राष्ट्रपति, पेनाटोन फिनवेस्ट लिमिटेड, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड और कंपनी के बीच भारत सरकार द्वारा पूरी शेयरधारिता बेचने के लिए एक संशोधन समझौता किया है।’
सरकार के टीसीएल में सात करोड़ 44 लाख 46 हजार 885 शेयर हैं। इस शेयर के आखिरी बंद भाव के 1,289.75 के हिसाब से सरकार की हिस्सेदारी 9,601 करोड़ रुपये की बनती है। सरकार पहले अपने चार करोड़ 59 लाख 46 हजार 885 शेयर, यानी 16.12 फीसदी हिस्सेदारी स्टॉक एक्सचेंज में खुली पेशकश के जरिए बेचेगी। शेयर बाजार को भेजी सूचना में आगे कहा गया है कि, ‘इसके तुरंत बाद सरकार अपनी शेष हिस्सेदारी पेनाटोन को बेचेगी।’ इसके लिए बिक्री मूल्य तय व्यवस्था के अंतर्गत निकाला जाएगा।
कंपनी ने सूचना में कहा है कि इस सौदे के पूरा होने पर सरकार की टाटा कम्युनिकेशंस में कोई हिस्सेदारी नहीं बचेगी। सरकार ने 1986 में स्थापित विदेश संचार निगम लिमिटेड (वीएसएनएल) में 2002 में 25 फीसदी हिस्सेदारी को प्रबंधन नियंत्रण के साथ पेनाटोन फिनवेस्ट लिमिटेड को बेचा था। इसके बाद इस कंपनी का नाम बदलकर टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड कर दिया गया था। मालूम हो कि कंपनी में 25.01 फीसदी हिस्सेदारी जनता के पास भी है।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया था कि सरकार के हिस्सेदारी बिक्री प्रोग्राम को लेकर विनिवेश में अब तेजी आएगी और ऐसे मामले जिनमें कंपनियों को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें पूरी गंभीरता से लिया जाएगा। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष के 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य तय किया है।
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