राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां जयपुर में अपनी सरकार बचाने में लगे हुए हैं, वहीं डिप्टी सीएम सचिन पायलट दिल्ली प्रवास पर हैं.
ऐसी नाजुक घड़ी में जब खुद सीएम कह रहे है कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराना चाहती है, डिप्टी सीएम का जयपुर में न होना कई सवाल खड़े कर रहा है.
शनिवार को सीएम अशोक गहलोत जब कैबिनेट मीटिंग कर रहे थे तो, बतौर डिप्टी सीएम सरकार के दूसरे बड़े नेता होने के बावजूद सचिन पायलट इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए. इस वक्त वो दिल्ली में थे.
यही नहीं, रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के लगभग 10 विधायक भी दिल्ली में हैं. ये विधायक कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात कर अपनी पीड़ा पार्टी अध्यक्ष को बताना चाहते हैं.
बताया जा रहा है कि ये विधायक गुरुग्राम के आसपास रुके हुए हैं. जयपुर में कांग्रेस के विधायक जितेंद्र सिंह ने ये जानकारी दी है. हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि ये विधायक सचिन पायलट के समर्थन में गोलबंद हुए हैं.
सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री है. 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही सीएम पद की रेस में थे, लेकिन पार्टी हाईकमान ने अशोक गहलोत को सीएम पद की जिम्मेदारी दी और सचिन पायलट को उनका डिप्टी बनाया गया. गहलोत और पायलट के बीच सत्ता संतुलन बिठाने के लिए सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया.
सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन राज्य में दो शीर्ष नेतृत्व के बीच टकराव की खबरें आती रहती हैं. शनिवार को जब सीएम अशोक गहलोत से राज्य कांग्रेस में गुटबाजी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इससे इनकार किया और कहा कि सीएम कौन नहीं बनना चाहता है, लेकिन जब एक व्यक्ति सीएम बन जाता है तो सभी उसके साथ हो लेते हैं.
बता दें कि सरकार गिराने को लेकर राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने जो FIR दर्ज की है, उसमें इस बात का जिक्र है कि SOG को एक कॉल रिकॉर्डिंग के दौरान पता चला कि राज्य में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री में झगड़ा चल रहा है, ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को तोड़कर सरकार गिराई जाए. इस बाबत SOG ने दो बीजेपी नेताओं को गिरफ्तार भी किया है.