विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शेयरों के अनधिकृत आवंटन से संबंधित मामले में फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड और अन्य पर जुर्माना लगाया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड (टीएमबीएल) पर 17 करोड़ रुपये और एमजीएम पर 35 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह मामला लगभग 13 साल पुराना है, जब टीएमबीएल ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अनुमति लिए बिना विदेशी निवेशकों को 46,862 शेयर हस्तांतरित किए थे। इनमें जीएचआई लिमिटेड, स्विस री-इन्वेस्टर्स, एफआई इन्वेस्टमेंट्स और अन्य शामिल हैं। इन शेयरों में से कुछ शेयरों को आरबीआई की अनुमति के बिना ही अप्रैल 2008 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड के एक सहयोगी, सब-कॉन्टिनेंटल इक्विटीज लिमिटेड में स्थानांतरित कर दिया गया था।
आठ साल की जांच में पाया गया कि स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन किया है, जो अपतटीय वित्तीय लेनदेन की निगरानी करता है। बैंक ने साल 2007 में तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीदने के लिए निवेशकों के एक समूह के साथ काम किया था।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड सबसे ज्यादा शाखाओं के मामले में भारत का सबसे बड़ा विदेशी बैंक है। यह 160 से अधिक वर्षों से देश में काम कर रहा है और इसके लगभग 100 आउटलेट हैं।
वित्त वर्ष 2020 में निजी क्षेत्र के ऋणदाता तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक के शुद्ध लाभ में 57.66 फीसदी का इजाफा हुआ और यह 407.69 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 258.58 करोड़ रुपये था। 35,136.23 करोड़ की तुलना में बैंक की जमा राशि बढ़कर 36,825.03 करोड़ हो गई है।