पाकिस्तान सीमा से सटा पंजाब का पठानकोट जिला सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। एयरफोर्स स्टेशन के बाद अब यहां नेशनल सिक्योरिटी गार्ड का रीजनल सेंटर बनेगा। प्रशासन ने पठानकोट के मीरथल और मनवाल में उपयुक्त जगह खोज ली है। अब प्रशासन इन दोनों जगहों में से किसी एक पर सहमति बनाकर रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजेगा। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, अगले सप्ताह तक इन दोनों में से किसी एक स्थान का चुनाव कर रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
एनएसजी सेंटर के लिए 100 एकड़ जमीन खोजने की जिम्मेदारी एसडीएम पठानकोट गुरसिमरन सिंह ढिल्लों को दी गई है। इससे पहले पठानकोट एयरफोर्स के साथ लगते किसी इलाके में एनएसजी सेंटर के लिए जमीन तलाशने की बात कही जा रही थी लेकिन जमीन न मिलने के कारण अब मीरथल और मनवाल में किसी एक का चुनाव किया जाना है।
पहले एयरफोर्स एरिया के आसपास जमीन तलाशने की कोशिश की गई। डेहरीवाल में 300 एकड़ जमीन है लेकिन यहां बीच में जमीन के कई टुकड़े फोरेस्ट रिजर्व हैं तो कहीं नहर की पगडंडी बाधा बनी। 100 एकड़ जमीन एक साथ नहीं मिली। इसके बाद नौशहरा नालबंदा में भी 80 एकड़ से कम जमीन मिल रही थी। अब मनवाल और मीरथल की जमीन देखने के बाद एसडीएम अपनी रिपोर्ट डीसी को भेजेंगे।
गृह मंत्रालय को 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद पठानकोट में एनएसजी सेंटर की जरूरत महसूस हुई थी। उस समय दिल्ली से एनएसजी कमांडो को पठानकोट लाया गया था। एयरबेस, मामून मिलिट्री स्टेशन समेत भारत-पाक सीमा का बड़ा दायरा होने के चलते पठानकोट सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की सीमाओं से सटा होने के कारण भी पठानकोट में एनएसजी सेंटर होना जरूरी है।
गृह मंत्रालय के जमीन तलाशने के डिमांड नोटिस के बाद भी पठानकोट नगर निगम के सुस्ती दिखाए जाने पर कयास लगाए जा रहे थे कि यह केंद्र पठानकोट की बजाय अमृतसर में बनाया जाएगा। गुरदासपुर के सांसद सनी देओल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर एनएसजी सेंटर पठानकोट में ही बनाए जाने की अपील की।