एअर इंडिया के कर्मचारियों के लिए खुशी के साथ-साथ गम की भी खबर पर है. कर्मचारियों को जून महीने की सैलरी कल मिल सकती है. लेकिन इसके साथ ही ग्रेड के हिसाब से 30 फीसदी तक सैलरी कटकर आएगी.
इसके अलावा एअर इंडिया ने पिछले दिनों कोरोना की वजह से ड्यूटी के दौरान जान गंवा चुके कर्मचारियों के परिजनों के लिए मुआवजे की भी घोषणा कर दी है. कोरोना महामारी की वजह से एअर इंडिया को बड़ा नुकसान हो रहा है.
दरअसल, संकटग्रस्त एअर इंडिया ने कर्मचारियों की संख्या कम करने का प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत कर्मचारी बिना वेतन के लंबी छुट्टी पर जा सकते हैं.
इसे लीव विदाउट पे (एलडब्ल्यूपी) कहा गया है. यह छुट्टी 6 महीने से लेकर पांच साल तक हो सकती है. कर्मचारियों को उनकी दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन की गुणवत्ता, कर्मचारियों का स्वास्थ्य आदि के आधार पर चयन किया जाएगा कि किन्हें छुट्टी पर भेजा जाए.
विदाउट पे कर्मचारियों को लीव पर भेजने के मामले को लेकर जब नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे पास और क्या विकल्प है? अगर विकल्प होते तो लागत में इतनी कटौती की जरूरत नहीं होती. सरकार उस स्थिति में नहीं है कि एयरलाइंस कंपनियों को बड़ी आर्थिक मदद कर सके.
वहीं एअर इंडिया के सीएमडी राजीव बंसल ने पिछले दिनों कहा था कि कोरोना संकट की वजह से एयरलाइंस को भारी नुकसान हो रहा है.
खर्च कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें सैलरी कट के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या में कटौती भी शामिल है. उन्होंने कहा कि कंपनी अपने कुछ कर्मचारियों के पोस्ट रिटायरमेंट पर भी विचार कर रही है.
गौरतलब है कि नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बीते गुरुवार को बताया कि कोरोना संकट से पहले जितनी घरेलू उड़ानों का संचालन होता था, उसकी 55 से 60 फीसद तक उड़ानें दिवाली तक होने लगेंगी.
कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत ने 23 मार्च से अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध लगा रखा है. सीमित उड़ानों के साथ 25 मई से घरेलू उड़ानें शुरू कर दी गई हैं.