अमेरिका और चीन के बीच कूटनीतिक हमले जारी हैं. पहले अमेरिका ने चीन से टेक्सास राज्य के शहर ह्यूस्टन में वाणिज्य-दूतावास बंद करने को कहा तो जवाब में चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से चेंगदू में उसके वाणिज्य दूतावास बंद करने को कहा. शनिवार को अमेरिका के संघीय एजेंट और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास परिसर में घुस गए. उनके साथ ताला मरम्मत करने वाले भी थे.
जाहिर है ट्रम्प प्रशासन ने इसी सप्ताह चीन के ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास पर आर्थिक जासूसी का आरोप लगाते हुए बंद करने का आदेश दिया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. चीनी वाणिज्य दूतावास ह्यूस्टन के व्यस्त मॉन्टरॉस बॉउलवार्ड इलाके में पिछले 40 वर्षों से स्थित है. लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने इसे शुक्रवार शाम को बंद करवा दिया था. शुक्रवार को इमारत से चीन का झंडा और राजकीय चिह्न हटा दिया गया. साथ ही वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को सुबह-सुबह इमारत से अपना सामान बाहर निकालते हुए देखा गया.
सीएनएन की खबर के मुताबिक जैसे ही चीनी राजनयिकों ने इमारत खाली की वैसे ही कई काले रंग की एसयूवी कार, ट्रक, दो सफेद वैन और ताला ठीक करने वालों की एक वैन इमारत परिसर में दाखिल हुई. उधर बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने वाणिज्य दूतावास में अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बलपूर्वक प्रवेश के खिलाफ कड़ा विरोध और असंतोष प्रकट किया है. साथ ही राजनयिक विरोध भी दर्ज कराया है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”चीन इस संबंध में उचित तथा आवश्यक प्रतिक्रिया देगा.” चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास की इमारत राजनयिक वाणिज्य दूतावास है और चीन की राष्ट्रीय संपत्ति है. मंत्रालय ने कहा कि राजनयिक संबंधों पर हुए विएना समझौते और चीन-अमेरिका वाणिज्यिक दूतावास संधि के अनुसार अमेरिका को किसी भी सूरत में ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास परिसर में अतिक्रमण नहीं करना चाहिए.
चीन ने अमेरिका पर आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और उसके राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को चेंगदू शहर स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक वाणिज्य दूतावास को खाली करने की तय मियाद शाम चार बजे की समयसीमा निकलने के 40 मिनट बाद एक व्यक्ति परिसर में दाखिल हुआ (विदेश विभाग का अधिकारी). इसके बाद पीछे का छोटा दरवाजा खोला गया. इसके करीब एक घंटे बाद अग्निशमन दल इमारत में दाखिल हुआ.
ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने शुक्रवार को चीन के ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास को बंद करने के फैसले के बारे में और विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने दावा किया कि चीनी मिशन बीजिंग की ओर से प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था. अमेरिकी सरकार के मुताबिक वह गोपनीय गतिविधियों में शामिल था. विदेश विभाग द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में न्याय विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास की गतिविधियां स्वीकार्य स्तर से परे जा रही थीं और हम इन्हें अवरुद्ध नहीं करते तो ह्यूस्टन और पूरे देश में चीनी वाणिज्य दूतावासों के और अधिक आक्रमक होने का खतरा पैदा हो जाता.”
टेक्सास राज्य के ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास को साल 1979 में खोला गया था. इसके बंद होने के बाद चीन के अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में दूतावास और शिकागो, लॉस एंजिलिस, न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को में चार वाणिज्य दूतावास रह जाएंगे. उसका संयुक्त राष्ट्र में भी एक कार्यालय है.
हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच चीन द्वारा कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के तरीके, शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई और हांगकांग में विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर भी तनाव बढ़ा है.