भारत के घरों में पड़े हैं 78300 करोड़ रुपए के कबाड़
सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि घरों में बेकार पड़े सामानों से सरकार की स्वच्छ भारत योजना का आठ बार वित्तपोषण किया जा सकता है। इसके अलावा सर्वेक्षण में यह तथ्य भी सामने आया है कि वस्तुओं की बिक्री की दर 49 प्रतिशत है जो पिछले साल से चार प्रतिशत अधिक है।
आईएमआरबी की उपाध्यक्ष (शॉपर एवं रिटेल) सुष्मिता बालासुब्रमण्यम ने कहा कि इस साल के सर्वेक्षण में एक और रोचक तथ्य सामने आया है कि इस्तेमालशुदा या सेकंड हैंड सामान की ऑनलाइन बिक्री इसी तरह के सामान की ऑफलाइन बिक्री से औसतन 25 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेकंड हैंड सामान बेचने वाले 27 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे ऐसे उत्पाद उनसे ‘बोर’ होने की वजह से बेचते हैं। इस मामले में विशेषरूप से मोबाइल फोन सबसे आगे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि औसतन प्रत्येक भारतीय परिवार द्वारा 12 कपड़ों, 14 किचन के बर्तन, 11 किताबों, सात किचन के उपकरणों, दो मोबाइल फोन तथा तीन घड़ियों को स्टॉक करके रखा गया है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश में वस्तुओं को इकट्ठा करने की दर की एक साल पहले की तुलना में तीन प्रतिशत बढ कर 90 प्रतिशत तक पहुंच गयी है।
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