प्रतिबंध के बावजूद युवा आत्महत्या के लिए उकसाने वाले खौफनाक ब्लू व्हेल गेम और मोमो गेम खेलने से बाज नही आ रहे. कुछ अलग करने और थ्रिल का अनुभव लेने की चाहत में युवा वर्ग ऐसे खतरनाक गेम खेलने के लिए प्रेरित हौ रहा है. ऐसे ही एक गेम को खेलते हुए पटना मे एक युवक की जान जाते-जाते बची. चैलेंज को पूरा करने के लिए वो गंगा मे कूद गया, जिसकी जान एसडीआरएफ के जवान ने बचाई.
बुधवार को गेम के चैलेंज को पूरा करने की खातिर एक युवक राजधानी पटना के गायघाट के पास गंगा नदी में कूद गया. लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि उसे एसडीआरएफ के जवान द्वारा बचा लिया गया.
पटना सिटी स्थित पीपल तर, पत्थर की हवेली के पास का रहनेवाला 30 वर्षीय अंशु कुमार अचानक बुधवार को गायघाट के समीप गंगा नदी में कूद गया. उसे नदी में कूदता देख आसपास मौजूद लोग शोर मचाने लगे. तभी वहां मौजूद एसडीआरएफ के सिपाही विकास कुमार ने नदी में कूदकर उसकी जान बचाई. जहाँ से उसे आलमगंज थाने को सौंपा गया और वहां से उसके परिजन उसे घर ले गए.
बताया जा रहा है कि युवक ब्लू व्हेल और मोमो गेम खेल रहा था. अंतिम पड़ाव में पहुंचने पर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया. घटना की सूचना मिलने पर पहुंचे युवक के परिजनों ने बताया कि कुछ दिनों से उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है, जिसकी वजह से वह सबसे अलग अलग रहने लगा था. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने घटना को गंभीरता से लिया है. जल्द ही इससे निबटने के लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी.
क्यों खतरनाक है ब्लू व्हेल और मोमो चैलेंज?
ब्लू व्हेल चैलेंज, किकी चैलेंज और मोमो चैलेंज सरीखे ऑनलाइन गेम के चक्कर में आकर लोग अपनी जान तर गंवाने को राजी हो जाते हैं. दरअसल, इंटरनेट पर पाए जाने वाले ये खेल यूजर के दिमाग से खेलने की कोशिश करते हैं. और चैलेंज के जरिए उन्हें मकड़जाल में इस तरह फंसा देते हैं कि इंसान तैश में आकर कुछ भी कर गुजरता है. खासकर मोमो चैलेंज में तो व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से आए मैजेस का रिप्लाई करने भर से ही इंसान इनके जाल में फंसना शुरू हो जाता है. और चैलेंज लेने से इनकार करने पर तो ये लोग उसे खुदकुशी करने तक के लिए मजबूर कर देते हैं