ब्रिटेन ने एक खुफिया लैब में क्वांटम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ऐसी परमाणु घड़ी बनाई है जिससे ब्रिटेन की सैन्य और निगरानी क्षमता और मजबूत होगी। बिटेन के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि यह ”अभूतपूर्व” परमाणु घड़ी सैन्य अभियानों को और अधिक सुरक्षित बनाएगी। रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (डीएसटीएल) में विकसित यह घड़ी जीपीएस तकनीक पर ब्रिटेन की निर्भरता को कम करेगी।
जीपीएस का बनेगी विकल्प
संघर्ष के दौरान जीपीएस के बाधित होने की आशंका रहती है। इस घड़ी से ब्रिटेन की खुफिया, निगरानी और टोही क्षमता बेहद मजबूत हो जाएगी। परमाणु घड़ी समय मापने के लिए परमाणुओं के कंपन का उपयोग करती है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इसे पांच वर्षों में सैन्य अभियानों में तैनात किया जा सकेगा।
यह घड़ी की सटीकता इतनी बेहतरीन है कि अरबों वर् में एक सेकंड से भी कम टाइम लैप्स आएगा। इससे विज्ञानी अभूतपूर्व पैमाने पर समय को मापने में सक्षम होंगे। पहली बार डीएसटीएल ने लैब के बाहर ब्रिटेन में निर्मित आप्टिकल परमाणु घड़ी का परीक्षण किया है।
इन क्षेत्रों में खड़ी से मिलेगी मदद
रक्षा मंत्रालय ने कहा, क्वांटम घड़ी सटीक समय-निर्धारण के साथ ही वैश्विक नेविगेशन सिस्टम में भी बदलाव लाने में सक्षम है। इससे उपग्रह संचार से लेकर विमान नेविगेशन तक हर क्षेत्र में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही गाइडेड मिसाइलों समेत उन्नत हथियार की क्षमता भी बढ़ेगी जो समय की सटीकता पर निर्भर हैं। उस अभियानों में खासकर साइबर युद्ध जैसे क्षेत्रों में ब्रिटेन के सशस्त्र बलों को विरोधियों पर बढ़त हासिल होगी जहां मिलीसेकंड से भी फर्क पड़ सकता है।
कम समय में डाटा होगा प्रोसेस
घड़ी के प्रोटोटाइप के मानकों का परीक्षण रायल नेवी के मुख्य तकनीकी अधिकारी कार्यालय और बैटललैब में आर्मी फ्यूचर्स टीम के सहयोग से किया गया था। क्वांटम प्रौद्योगिकी क्वांटम सिद्धांत पर आधारित है, जिससे परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की व्याख्या करती है। इस तकनीक की सहायता से डाटा और सूचना को कम-से-कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है।