ब्रिटेन के प्रति छात्रों के कम होते रुझान का कारण वीजा प्रतिबंध बताया जा रहा है। इस साल की शुरुआत से छात्रों पर अपने परिवार के आश्रितों, जीवनसाथी या बच्चों को लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह कमी ऐसे समय में हो रही है जब विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रवासी समूह सरकार से ग्रेजुएट रूट योजना के तहत पोस्ट रोजगार वीजा प्रस्ताव को सुरक्षित नहीं रखने की पैरवी कर रहे हैं।
ब्रिटेन के उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रित भारतीय छात्रों का रुझान कम हो रहा है। गृह विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में इस वर्ष समाप्त हुए वित्त वर्ष में भारतीय छात्रों को 1,16,455 प्रायोजित अध्ययन वीजा जारी किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21,717 कम है। इनमें से 94,149 छात्र मास्टर डिग्री कोर्स के लिए ब्रिटेन पहुंचे और मास्टर स्तर पर यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 21,800 कम है।
ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ओएनएस) पर आधारित यूके होम ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 तक ब्रिटेन में अध्ययन के लिए भारतीय छात्र आवेदकों में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यह 2022 की तुलना में शुद्ध प्रवासन में कुल 10 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को इन आंकड़ों से खासी राहत मिलेगी, क्योंकि 4 जुलाई को होने वाले आम चुनाव के लिए उन्होंने प्रवासन पर अंकुश को प्रमुख मुद्दा बनाया है। हालांकि, छात्र वीजा के आंकड़े उन विश्वविद्यालयों के लिए परेशानी का सबब हैं, जो विदेशी छात्र शुल्क पर निर्भर हैं।
वीजा प्रतिबंधों से घट रहा रुझान
ब्रिटेन के प्रति छात्रों के कम होते रुझान का कारण वीजा प्रतिबंध बताया जा रहा है। इस साल की शुरुआत से छात्रों पर अपने परिवार के आश्रितों, जीवनसाथी या बच्चों को लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह कमी ऐसे समय में हो रही है जब विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रवासी समूह सरकार से ग्रेजुएट रूट योजना के तहत पोस्ट रोजगार वीजा प्रस्ताव को सुरक्षित नहीं रखने की पैरवी कर रहे हैं। यह सुविधा डिग्री के अंत में कार्य अनुभव प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है, इसके चलते भारतीय छात्र अधिक संख्या में ब्रिटेन को अपना उच्च शिक्षा गंतव्य चुनते हैं। इस वर्ष मार्च तक ग्रेजुएट रूट योजना अब तक के सर्वाधिक भारतीय छात्रों (64,372) ने वीजा प्राप्त किए, जो कि ब्रिटेन की ओर से दिए गए कुल वीजा संख्या का 46 प्रतिशत है।