नए साल में बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख यूनियन हड़ताल करने की तैयारी में हैं. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख यूनियनों ने 8 जनवरी 2020 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित आम हड़ताल में भाग लेने का फैसला किया है. यह जानकारी अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के एक शीर्ष नेता ने दी. बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल की स्थिति में ग्राहकों का कामकाज प्रभावित हो सकता है.
एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने बताया कि 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन, राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. वेंकटचलम के मुताबिक यह हड़ताल केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ की जाएगी, जिसमें नौकरियों की सुरक्षा, रोजगार सृजन और श्रम कानूनों में संशोधन बंद करने से संबंधित मांगें रखी जाएंगी.
वेंकटचलम ने बताया कि इस हड़ताल में शामिल होने वाले बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख यूनियन एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ और आईएनबीओसी होंगी. . वेंकटचलम ने दावा किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होंगे. इसके अलावा सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सामान्य बीमा क्षेत्र के कर्मचारियों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है.
बता दें कि सरकार द्वारा बैंकों के विलय के फैसले का भी अलग-अलग कर्मचारी संघ विरोध कर रहे हैं. दरअसल, करीब तीन महीने पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 बैंकों के विलय का ऐलान किया था. इसके बाद 4 नए बैंक अस्तित्व में आ जाएंगे. वहीं आंध्रा बैंक, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का अस्तित्व नहीं रहेगा. बैंक के यूनियनों का कहना है कि इस विलय से बैंकिंग सेक्टर में लोगों की नौकरी जाएगी