बैंकों से कर्ज लेकर लोग रकम चुकाने में लापरवाही बरत रहे हैं। आरसी (वसूली नोटिस) जारी होने के बाद भी गंभीर नहीं हैं। ऐसे में डिफॉल्टर घोषित होने के बाद तहसील स्तर पर वसूली की कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में वसूली में हरिद्वार जिला सबसे आगे और नैनीताल सबसे पीछे।उत्तराखंड राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की हाल में हुई 37वीं बैठक में इसकी पुष्टि हुई है।
चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक 15,362 कर्जदारों की आरसी लंबित थी। इनसे 236.75 करोड़ रुपये की वसूली होनी थी, लेकिन सितंबर 2023 की समाप्ति तक 2,242 बकायेदारों से 40.82 करोड़ रुपये वसूल किए गए। इस प्रकार बैंकों को कर्ज में दी गई 17.24 प्रतिशत रकम ही वापस मिली।
जिलों की बात करें तो प्रदेश में आरसी कटने के बाद तहसील स्तर पर डिफॉल्टर से वसूली की जाती है। हरिद्वार जिले के लोग बैंकों को कर्ज नहीं चुका कर आरसी कटने के बाद तहसील से पहुंचे अमीन को भुगतान कर रहे हैं। हालांकि, प्रदेश में 74.84 प्रतिशत की वसूली के साथ पहले स्थान पर है।
कर्ज लेकर तो गायब लोग
वहीं, बागेश्वर जिला वसूली में 56.04 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है। नैनीताल की बात करें तो यहां के लोग बैंक से कर्ज लेकर तो गायब हैं, वहीं आरसी कटने के बाद भी वह फरार ही चल रहे हैं। यहां वसूली 2.90 प्रतिशत के साथ प्रदेश में सबसे निम्न स्तर पर है।
प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण जिले हैं दोनों
नैनीताल और हरिद्वार प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण जिलों में से एक हैं। दोनों ही पर्यटन के लिए बहुचर्चित हैं। नैनीताल जिले के लोग बैंकों से कर्जा लेकर फरार चल रहे हैं। वहीं हरिद्वार जिले के लोग आरसी कटने के बाद भुगतान कर रहे हैं।
वसूली के दौरान घरों में नहीं मिलते कर्जदार
बैंकों से उधार लेकर अगर उसे नहीं चुकाया जाए तो आरसी काटी जाती है। आरसी कटने के बाद तहसील स्तर पर अमीन वसूली करते हैं। कई तहसीलों के अमीनों का कहना है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति नजदीक है। वसूली के लिए घरों में जा रहे, लेकिन कर्जदार घरों में नहीं मिल रहे हैं।
जिलेवार लंबित आरसी (करोड़ रुपये में)
जिला लंबित आरसी वसूली प्रतिशत में
हरिद्वार 7.99 74.84
बागेश्वर 0.91 56.04
यूएस नगर 16.30 33.56
रुद्रप्रयाग 3.01 32.23
पिथौरागढ़ 8.11 31.81
उत्तरकाशी 4.36 26.15
देहरादून 80.28 24.10
चंपावत 1.40 17.14
पौड़ी 10.27 8.71
अल्मोड़ा 15.04 6.38
टिहरी 3.62 6.35
चमोली 4.84 3.10
नैनीताल 80.62 2.90
बैंक को कर्ज न चुकाने पर कर्जदाता को डिफॉल्टर घोषित किया जाता है। आरसी कटने के बाद तहसील स्तर पर उनसे वसूली की जाती है। बैंक और जिला प्रशासन के साथ तहसील प्रशासन वसूली कर रहे हैं। – संजय संत, लीड बैंक अधिकारी, हरिद्वार
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
