लुधियाना। 10वीं के एग्जाम में पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड में स्टेट टॉपर रहे स्कूल स्टूडेंट अर्श मल्होत्रा को लुधियाना की एक समाजसेवी संस्था की ओर से रखे समारोह में सम्मानित करने के लिए स्टेज पर बुलाया गया।
स्टेज पर ही अर्श ने अकाली विधायक एसआर कलेर के हाथों सम्मानित होने से मना कर दिया। उसका आरोप था कि विधायक कलेर ने थाना सिटी में दर्ज एक अपराधिक मामले में कांग्रेस पार्टी से जुड़े उसके पिता पुष्पिंदर मल्होत्रा का नाम सियासी रंजिश के चलते डलवा दिया था। इसलिए उनसे सम्मान नहीं लूंगा। यह सुनकर आयोजकों के हाथ-पैर फूल गए और उन्होंने पूर्व विधायक भाग सिंह मल्ला के हाथों उसको सम्मानित करवाया।
सम्मान समारोह कराने वाली समाजसेवी संस्था ने शिवालिक स्कूल के अर्श मल्होत्रा और एक दूसरे टॉपर स्टूडेंट काजल गर्ग के अलावा अच्छे रिजल्ट देने वाले 64 टीचर्स को सम्मानित करने के लिए बुलाया था। अपनी पिटाई की वीडियो फेसबुक पर देखकर खुदकुशी करने वाले अशोक कुमार की मौत के बाद थाना सिटी में पहले पांच आरोपियों पर पर्चा दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के 11 दिन बाद 19 अगस्त को इसमें पुष्पिंदर मल्होत्रा का नाम भी डाल दिया गया था। उनके परिवार वालों का आरोप है कि ऐसा अकाली विधायक कलेर के कहने पर पुलिस ने किया। जबकि विधायक एसआर कलेर के साथ ही एसएसपी देहात उपिंदरजीत सिंह घुम्मन ने भी आरोप खारिज करते दावा किया विधायक कलेर का इस मामले में कोई लेना देना नहीं है।
अपने पिता पर दर्ज केस को झूठा बताने वाले अर्श मल्होत्रा ने राज्य सरकार के खिलाफ भी रोष जताते हुए अपना स्टेट अवॉर्ड तक लौटाने की बात कही थी। अवॉर्ड लौटाने का प्रस्ताव उसने परिवार वालों के साथ एसडीएम कुलप्रीत सिंह के सामने रखा। अर्श के अनुसार पंजाब में लड़कों की कैटेगिरी में अव्वल आने पर राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने उसे गोल्ड मेडल और 51 हजार नगद इनाम के तौर पर दिए थे। वह एसडीएम के जरिए अवॉर्ड लौटाने के बारे में शिक्षा मंत्री को पत्र भेजेगा।
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