पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय रेलवे में विकास के कई काम किए गए हैं. यात्रा और यात्रियों के लिहाज से इसे बेहतर बनाया गया है. स्टेशनों का सौंदर्यीकरण हुआ है. ट्रेन के अंदर की सुविधाओं का विस्तार हुआ है और पुरानी सुविधाओं को बेहतर किया गया है. लेकिन, भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी समस्या है ट्रेन का समय पर नहीं होना. ज्यादातर ट्रेनें लेट से चलती हैं. इसी वजह से ट्रेन से यात्रा करना मुश्किल होता है.
एक तरफ 2022 में देश में बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है. ऐसे में ट्रेन का समय पर चलना बहुत महत्वपू्र्ण है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRC) की सबसे बड़ी चुनौती भी यही है. इस बीच NHSRC की तरफ से कहा गया है कि बुलेट ट्रेन के साथ ऐसा नहीं होगा. हम बुलेट ट्रेन को जापान की शिंकानसेन की तर्ज पर ही चलाएंगे. ऐसे में अगर ट्रेन दो मिनट से ज्यादा की लेट होती है तो हम यात्रियों से माफी मांगेंगे.
NHSRC के प्रबंध निदेशक ने एक अंग्रेजी न्यूज पेपर से कहा कि हम चाहते हैं कि बुलेट ट्रेन के मामले में जापान की परंपरा को यहां लागू करें. जापान में बुलेट ट्रेन बिल्कुल अपने समय से चलती है. अगर वहां ट्रेन लेट हो जाए तो बहुत बड़ी बात होती है और इसकी जांच की जाती है.
जापान में बुलेट ट्रेन की टाइमिंग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ट्रेन 20 सेकेंड से लेट हो गई थी तो सभी यात्रियों से माफी मांगी गई थी. यहां तक कि सभी पैसेंजर्स को लेट नोट्स जारी किया गया था. दुनिया में किसी भी देश में बुलेट ट्रेन समय को लेकर इतनी पाबंद नहीं है.
भारत में बुलेट ट्रेन के पहले प्रोजेक्ट में मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ने की योजना है. यह दूरी 508 किलोमीटर है. दोनों शहरों के बीच बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रतिघंटे के हिसाब से चलेगी. इस प्रोजेक्ट को 2022 तक पूरा करने की योजना है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक दिन में दोनों शहरों के बीच 70 चक्कर लगाए जाएंगे. किराए की बात करें तो फर्स्ट एसी की तुलना में इसका किराया डेढ गुना ज्यादा होगा.
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