बुजुर्ग पिता ने टूटे हाथ से उठाई बहादुर बेटे की अर्थी, कहा कायर थी तमाशा देख रही भीड़

राष्ट्रीय राजधानी का आनंद विहार इलाका दिल्ली के सबसे व्यस्त क्षेत्र में से एक है। दिन हो या रात, यहां सन्नाटा नहीं होता है। रेलवे स्टेशन और अंतरराज्यीय बस अड्डे पर यात्रियों के आने-जाने का सिलसिला जारी रहता है। भीड़ होने के बावजूद यह इलाका सुरक्षित नहीं है। बदमाश अपने मंसूबों में कामयाब हो ही जाते हैं और भीड़ तमाशबीन बनी रहती है। शुक्रवार रात भीड़ तमाशबीन बनी रही और बदमाशों ने डेढ़ मिनट में युवक मोहित की जान ले ली।

मोहित, अपने पिता राजकुमार गौतम के इलाज के लिए दिन-रात मेहनत कर पैसे जुटा रहे था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। शुक्रवार रात को जब बदमाशों ने उसे गोली मारी थी, उस वक्त उनके पिता राजकुमार, उनकी मां सरला गौतम के साथ डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में अपने टूटे हाथ का एक्सरे करवा रहे थे। शनिवार दोपहर को हाथ का ऑपरेशन होना था।

इसी बीच घर से जब उन्हें फोन आया कि मोहित को बदमाशों ने गोली मार दी है, तो राजकुमार एक्सरे बीच में छोड़कर शांति मुकुंद अस्पताल में बेटे को देखने पहुंचे। टूटे हुए हाथ के साथ उन्होंने बेटे की अर्थी को कंधा दिया। उन्होंने कहा कि यह सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस बेटे को अंगुली पकड़कर चलना सिखाया था, उसको श्मशान लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मौके पर जमा तमाशबीन भीड़ कायर थी। उनका बेटा अकेले चार से पांच बदमाशों से लोहा ले रहा था।

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