हाल ही में, कैंसर से जुड़ी एक शोध सामने आया है, जो इस खतरनाक बीमारी के बारे में बड़ा खुलासा कर रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के कुछ शोधकर्ताओं ने कीमोथेरेपी इंड्यूस्ड सेनेसेंट मॉडल की मदद से चूहों के कुछ वृद्ध और नए सेल्स को कैंसर सेल्स के साथ एक्सपोज किया और पाया कि कैंसर सेल्स वृद्ध सेल्स की तरफ अधिक आकर्षित हो रही थीं और उन्हीं के पास जाकर सेटल हो रही थीं। इसका कारण पता लगाने के लिए कंप्यूटर मॉडल की मदद ली और यह पाया कि जो सेल्स वृद्ध हो चुकी थीं, वे एक प्रकार का प्रोटीन सीक्रीट कर रही थीं, जिसे एक्सट्रा सेल्यूलर मैट्रिक्स कहा जाता है। ये प्रोटीन कैंसर सेल्स को अपनी ओर खींच रहे थे और इस मैट्रिक्स को बेस बनाकर, इस पर कैंसर सेल बढ़ने लगते हैं। इस कारण से, साइंटिस्ट्स ऐसा मान रहे हैं कि बढ़ती उम्र की वजह से कैंसर के सेल आसानी से फैल सकते हैं।
क्या है कैंसर?
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो अबनॉर्मल सेल्स के असंतुलित तरीके से बढ़ने और फैलने की वजह से होता है। इस कारण से नॉर्मल सेल्स डैमेज होने लगते हैं। यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है और जिस भाग में होता है, कैंसर उसी पार्ट के नाम से जाना जाता है, जैसे- ओवरी में होने वाला कैंसर ओवेरियन कैंसर कहलाता है, मुंह में होने वाला कैंसर मुंह का कैंसर, सर्विक्स में होने वाला कैंसर सर्वाइकल कैंसर कहलाता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डाटा के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा जान लेने के लिए जिम्मेदार बीमारियों की लिस्ट में कैंसर दूसरे नंबर पर है। इस वजह से, दुनियाभर में साल 2018 में लगभग 96 लाख लोगों ने अपनी जान गवाई थी। इसलिए कैंसर के लक्षणों की पहचान कर, जल्द से जल्द इलाज कराना काफी जरूरी होता है, ताकि इसे अधिक फैलने से रोका जा सके।
क्या हैं कैंसर के लक्षण?
थकान
अकारण वजन घटना
रात के समय बुखार होना
पाचन में दिक्कत
त्वचा पर मौजूद मोल आदि या स्किन के रंग में बदलाव आना
खाना निगलने में तकलीफ होना
सांस लेने में तकलीफ होना
बिना किसी कारण या आसानी से ब्रूसिंग (Bruising) और ब्लीडिंग होना
मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द होना
त्वचा के अंदर कोई लंप या गांठ बनना
ये कैंसर के सामान्य लक्षण हैं, लेकिन यह किस भाग में कैंसर हुआ है, इसके मुताबिक बदल भी सकते हैं। इसलिए अपने शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान देकर, कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है, जो इसके इलाज में मददगार साबित हो सकता है।