बीसीसीआई और सीओए के बीच इन दिनों मतभेद चल रहा है। ये मतभेद टीम इंडिया के पूर्व स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह को लेकर है। युवराज सिंह ने कनाडा टी-20 लीग में भाग लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। इसके बाद वे बीसीसीआई से अनुमति लेकर इस लीग में टोरंटो नेशनल्स टीम के कप्तान के तौर पर मैदान में उतरे थे। युवराज को बीसीसीआई से अनुमति मिलने के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों को उम्मीद जगी थी कि वे भी अब विदेशी टी-20 लीगों में खेल सकेंगे।
लेकिन अब प्रशासकों की समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि युवराज सिंह को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति देने का निर्णय विशेष परिस्थितियों में किया गया था और अनय किसी भारतीय क्रिकेटर को आईपीएल के अलावा किसी अन्य लीग में खेलने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। सीओए के एक मेंबर ने बताया कि युवराज सिंह के मामले में जो कुछ भी हुआ, वो एक अपवाद था। हम किसी भी मौजूदा और पूर्व क्रिकेटर को विदेशी लीगों में खेलने के लिए अनुमति देने नहीं जा रहे हैं।
हमने इस मुद्दे पर विचार किया, मगर फिर ये निर्णय किया गया कि इस पर कोई कदम उठाने की फिलहाल कोई आवश्यकता नहीं है। वहीं, बीसीसीआई इस मामले में सीओए के रुख से हैरान है। बीसीसीआई के मुताबिक, हमारा मानना है कि सभी खिलाड़ियों के साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए। निश्चित रूप से ये सही नहीं है. जब बात खिलाड़ियों के करियर की हो तो अलग-अलग रवैया नहीं अपनाया जा सकता। बीसीसीआई के एक अधिकारी के अनुसार, कई पूर्व खिलाड़ी ऐसे हैं जो भविष्य की योजनाओं का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में ये निर्णय उनके लिए सही नहीं हैं।यदि कोई खिलाड़ी रिटायरमेंट ले चुका है तो उसे दुनिया में कहीं भी खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए।