दोनों देशों के बीच किए गए समाझौता ज्ञापन को लेकर बैठक करेंगे। इस समझौते के तहत दोनों देशों कों 2015 से 2023 के बीच छह
द्विपक्षीय सीरीज खेलनी थी। लेकिन दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के चलते भारतीय सरकार ने बीसीसीआई को श्रृंखला के लिए मंजूरी नहीं दी थी। दोनों देशों के बीच यह समझौता 2014 में हुआ था, लेकिन भारत ने 2015 में श्रृंखला खेलने से मना कर दिया था और ऐसे आसार हैं कि वह 2017 में भी इसके लिए राजी नहीं होगा।
इसी महीने की शुरुआत में पीसीबी ने बीसीसीआई को नोटिस भेजा था और 2015 में न हुई श्रृंखला के लिए हरजाना मांगा था। हालांकि बीसीसीआई ने कहा था कि समझौता ज्ञापन सिर्फ एक पत्र था न कि अनुबंध। उसने दो सप्ताह पहले भारतीय सरकार को पत्र भी लिखा है।
बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अभिताभ चौधरी ने कहा है कि वह इस बात को पीसीबी के चैयरमेन के साथ भी साझा करेंगे। चौधरी ने कहा कि पीसीबी के जवाब में समझौते में श्रृंखला से पहले बैठक की बात की जिक्र किया गया है।
पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान के साथ होने वाली बैठक में चौधरी बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस बैठक में पीसीबी के कानूनी सलाहकार भी शामिल होंगे।
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने चौधरी के हवाले से लिखा है, “हम खेलने को प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हमारा रुख नहीं बदलेगा। श्रृंखला भारतीय सरकार की इजाजत के बिना नहीं हो सकती। जब पीसीबी ने हमें पत्र भेजा, उसके बाद हमने भारतीय सरकार को लिखा। हमें उनके जवाब का इंतजार है। मेरा मानना है कि बातचीत जारी रहनी चाहिए, इसलिए हम बैठक कर रहे हैं।”
हालांकि भारत आईसीसी टूर्नामेंट या किसी बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने को तैयार है। ऐसा उसने पिछले साल हुए टी-20 विश्व कप में किया था और अगले महीने होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी में भी करेगा।
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