दिल्ली में एक बार फिर केंद्र सरकार बनाम राज्य सरकार की स्थिति उत्पन्न होती दिख रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2021 को लोकसभा में पेश किया। जिसके तहत दिल्ली में उपराज्यपाल की ताकत में अब बढ़ोतरी हो जाएगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी विधेयक के माध्यम से दिल्ली की चुनी हुई सरकार की शक्तियों को कम करने का प्रयास कर रही है। विधेयक को लेकर सीएम केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम असंवैधानिक और लोकतंत्र विरोधी है, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली के लोगों द्वारा नकारे जाने पर बीजेपी अब लोकसभा में बिल लाकर दिल्ली सरकार की शक्तियों को कम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 8 सीटें मिलीं और एमसीडी उपचुनाव में खाता भी नहीं खुल सका, जिसके चलते बीजेपी इस तरह का काम कर रही है।
सीएम केजरीवाल ने एक और ट्वीट कर लिखा कि यह विधेयक कहता है- दिल्ली में सरकार का मतलब एलजी होगा, तो चुनी हुई सरकार क्या करेगी? सभी फाइलें एलजी के पास जाएंगी। यह सुप्रीम कोर्ट के चार जुलाई 2018 के फैसले के खिलाफ है, जिसमें कहा गया है कि फाइलें एलजी को नहीं भेजी जाएंगी, चुनी हुई सरकार सभी फैसले लेगी और एलजी को फैसले की कॉपी ही भेजी जाएगी।
वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार संसद में दिल्ली के संबंध में असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बिल लेकर आई है। केंद्र सरकार जीएनसीटीडी एक्ट में बदलाव करने के लिए एक संशोधन बिल लेकर आई है। इस बिल में लिखा है कि इसके आने के बाद दिल्ली सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा।