सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पीके शाॅ वतन लाैट आए हैं। पहलगाम में आतंकी हमले के अगले ही दिन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पीके शाॅ को पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में ले लिया था। अभी तक रिहा नहीं किया गया है। बीएसएफ कांस्टेबल पीके शाॅ 21 दिन पाकिस्तान के कब्जे में रहे।
पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाया था और पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई थी। 22 अप्रैल को आतंकी हमले के अगले दिन 23 अप्रैल को फिरोजपुर बॉर्डर पर पाकिस्तान रेंजर्स ने बीएसएफ जवान पीके शाॅ को हिरासत में लिया था। 20 दिन से पीके शाॅ को रिहा करवाने के लिए बीएसएफ अधिकारियों की तरफ से कई बार पाक रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग भी की गई, लेकिन उनको छोड़ा नहीं गया है। दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के बाद 21वें दिन जवान को रिहा किया गया।
पश्चिम बंगाल के हैं पीके
पीके शाॅ मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रिशरा का रहने वाला है। कुछ दिन पहले सैनिक की पत्नी रजनी शाॅ पति की रिहाई को लेकर चंडीगढ़ आई थी। रजनी ने अपने पति की वापसी को लेकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की थी।
वर्दी और राइफल के साथ हिरासत में लिया गया था सैनिक
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, घटना के समय जवान वर्दी में था। उसके पास सर्विस राइफल थी। हुगली के रिशरा के हरिसभा इलाके के रहने वाले पीके कथित तौर पर सीमा के पास किसानों के एक समूह के साथ थे, जब वह एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए आगे बढ़े और अनजाने में पाकिस्तान क्षेत्र में चले गए, जहां उन्हें पकड़ लिया गया।