बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में अगले साल से अभ्यर्थियों को राहत मिलने वाली है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने शासन के साथ हुई बैठक कर एक प्रस्ताव दिया है। बैठक में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार अभ्यर्थियों को दो के स्थान पर अब एक ही प्रश्न पत्र का उत्तर देना होगा। इसमें सभी विश्वविद्यालयों को वर्ष 2018 के बीएड दाखिले के लिए 20 मई तक सीट अपलोड करने को कहा गया है। अगर वे सीट अपलोड नहीं करेंगे तो काउंसलिंग में उनकी सीट आवंटित नहीं की जाएगी।
बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के समन्वयक प्रो. नवीन खरे ने बताया कि प्रवेश परीक्षा के संबंध में विवि ने कई सुझाव दिए हैं। इनमें दो के बजाय सिर्फ एक ही प्रश्नपत्र के जरिये प्रवेश परीक्षा आयोजित करना एक बड़ा बदलाव होगा। अभ्यर्थी और प्रशासन दोनों को इसका फायदा मिलेगा।
प्रश्नपत्र के पहले भाग में 90 बहुविकल्पीय सवाल होंगे। इनमें 45 प्रश्न सामान्य ज्ञान के, 23 हिंदी और 22 प्रश्न अंग्रेजी के होंगे। दूसरे भाग में भी 90 प्रश्न होंगे। इनमें 45 जनरल एप्टीट्यूड और 45 प्रश्न विषय आधारित होंगे। इसके अलावा निगेटिव मार्किंग समाप्त करने और प्रश्नपत्र साथ ले जाने की इजाजत देने की व्यवस्था भी प्रस्तावित है।
इंटरनेट की सत्यापित मार्क्सशीट भी होगी मान्य
बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में काउंसलिंग में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को अपना मूल अंकपत्र प्रस्तुत करना होगा। इस साल स्नातक या परास्नातक परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को इसमें छूट दी जा सकती है, लेकिन उन्हें प्रिंसिपल या रजिस्ट्रार से इंटरनेट की सत्यापित मार्क्सशीट प्रस्तुत करनी होगी।
अल्पसंख्यक संस्थान विवि की देखरेख में लेंगे दाखिले
अल्पसंख्यक संस्थानों में 50 फीसदी सीटों पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा और शेष 50 फीसदी सीटों पर अपने स्तर से दाखिले लेने का नियम है। इसमें कोई गड़बड़ी न हो, इसलिए निर्देश दिया गया है कि अल्पसंख्यक कॉलेज 50 फीसदी बची सीटों के दाखिले की प्रक्रिया और पारदर्शिता के लिए उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। साथ ही उन्हें संबंधित विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा, आवेदक व चयनित अभ्यर्थियों की सूची भेजनी होगी।