बिहार में मतदाता सूची की गहन समीक्षा, दल बढ़ा सकते हैं एजेंट

निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, भारत का संविधान सर्वोच्च है। सभी नागरिक, राजनीतिक दल और निर्वाचन आयोग इसका पालन करते हैं। आयोग के मुताबिक, बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कोई भी पात्र मतदाता अपने अधिकार से वंचित न रह जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में

बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा को लेकर विपक्षी दलों के आरोपों के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने शनिवार को बताया कि मतदाता पात्रता की पुष्टि के लिए गहन पुनरीक्षण का काम सफलतापूर्वक शुरू हो चुका है। मतदाता सूची में कोई त्रुटि न रहने देना सुनिश्चित करने के लिए सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने पहले ही 1,54,977 बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) नियुक्त कर लिए हैं। वे चाहें तो अभी और बीएलए नियुक्त कर सकते हैं।

निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, भारत का संविधान सर्वोच्च है। सभी नागरिक, राजनीतिक दल और निर्वाचन आयोग इसका पालन करते हैं। आयोग के मुताबिक, बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कोई भी पात्र मतदाता अपने अधिकार से वंचित न रह जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में सांविधानिक प्रावधानों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। राज्य में प्रत्येक पात्र मतदाता की पुष्टि के लिए आयोग के पास पहले से 77,895 बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) हैं और नए मतदान केंद्रों के लिए लगभग 20,603 और भी बीएलओ नियुक्त किए जा रहे हैं। एसआईआर से संबंधित सभी गतिविधियां तय समय के अनुसार अच्छी तरह आगे बढ़ रही हैं।

पुराने मतदाताओं से भरा रहे सत्यापन फॉर्म
बिहार के मौजूदा सभी 7,89,69,844 निर्वाचकों के लिए नए गणना फॉर्म (ईएफ) की छपाई और घर-घर जाकर इन्हें बांटने का काम सभी 243 निर्वाचन-क्षेत्रों में शुरू किया जा चुका है। नए गणना फॉर्म (ईएफ) को ऑनलाइन भरने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। राज्य के कुल मतदाताओं में से 4.96 करोड़ निर्वाचकों के नाम जनवरी 2003 में पिछली गहन समीक्षा के समय से ही सूची में है, उन्हें बस सत्यापन के लिए गणना फॉर्म भरकर उसे जमा करना है।

आयोग ने बताया कि सभी मंडलीय आयुक्त और जिला मजिस्ट्रेट एसआईआर के दौरान सभी बीएलओ की पूर्णकालिक सेवाएं ले रहे हैं। पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर एसएमएस भी भेजे जा रहे हैं। एसआईआर के दौरान एक लाख से अधिक वॉलंटियर वास्तविक निर्वाचकों, वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजन, गरीब और अन्य कमजोर समूहों की सहायता करेंगे।

दो दशक बाद शुरू हुई गहन समीक्षा, सितंबर तक चलेगी
बिहार में 2003 के बाद यह पहला मौका जब मतदाता सूची की गहन समीक्षा की जा रही है। हालांकि, चुनावों के दौरान इसमें आवश्यक संशोधन होते रहे हैं। आयोग ने गणना प्रपत्र भरने की अवधि 25 जून से 26 जुलाई तक निर्धारित की है। मतदाता सूची का पहला मसौदा प्रारूप 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित किया जाएगा। इस पर 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां जताई जा सकेंगी। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर 2025 को किया जाएगा।

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