बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने तेवर कड़े करते हुए नीतीश कुमार सरकार ने इनाम की घोषणा की है। अब भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को पकड़वाने वालों को एक हजार से 10 हजार रुपये तक का इनाम दिया जाएगा।
भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होने से यदि सरकार को काफी बड़ी बचत होती है तो उसे पकड़वाने वाले को रकम का दो प्रतिशत पुरस्कार के तौर पर दिया जाएगा।
हालांकि इनाम की रकम पांच लाख से ज्यादा नहीं होगी। गुरुवार को बिहार कैबिनेट की बैठक में निगरानी के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। ऐसे लोगों का नाम और पता गुप्त रखा जाएगा।
सूचना देने वाला सरकारी कर्मचारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति, आलीशान मकान बनवाने या खरीदने, भ्रष्ट आचरण की शिकायत कर सकता है। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो सूचना देने वाले को इनाम दिया जाएगा।
इसके लिए राज्य सरकार ने पुरस्कार कोष का गठन किया है। इसी कोष की राशि से पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा अदालत तक आने-जाने का खर्च भी राज्य सरकार देगी।
ट्रेन के किराए से लेकर आने-जाने के दौरान खाने-पीने के लिए 200 रुपये भी सरकार देगी। वहीं राज्य के 937 भूमिहीन प्राथमिक स्कूलों को जमीन मिल गई है। जिन्हें भवन निर्माण के लिए 98 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
पटना मेट्रो परियोजना में विभिन्न स्तर के 193 पदों पर बहाली होगी। कैबिनेट ने पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में बहाली के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इसमें नौ जीएम, छह डीजीएम, एक असिस्टेंट मैनेजर मॉनिटरिंग एंड को-ऑर्डिनेशन, आठ सहायक अभियंता, एक असिस्टेंट मैनेजर फाइनेंस और एक एकाउंट असिस्टेंट, ट्रांजेक्शन एडवाइजर सहित अनेक स्तर के पद शामिल हैं।