समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड में भू माफियाओं ने 63 वर्षीय रिटायर्ड फौजी अरुण कुमार ठाकुर को फर्जी तरीके से कागजों में मृत घोषित कर उनकी जमीन हड़पने की कोशिश की। अरुण कुमार ठाकुर खुद को जीवित साबित करने के लिए अंचल कार्यालय और कलेक्ट्रेट तक आवेदन दे चुके हैं।
समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां भू माफियाओं ने जमीन हड़पने की नीयत से 63 वर्षीय रिटायर्ड फौजी अरुण कुमार ठाकुर को कागजों में मृत घोषित कर दिया। अरुण ठाकुर झखरा गांव के निवासी हैं और खुद के जिंदा होने का प्रमाण लेने के लिए अंचल से लेकर कलेक्ट्रेट तक लगातार चक्कर लगा रहे हैं।
रिटायर्ड फौजी अरुण कुमार ठाकुर ने डीएम समस्तीपुर को भी आवेदन दिया है, जिसमें उन्होंने खुद को जीवित और स्वस्थ बताया है। बावजूद इसके कागजों में वह मर चुके हैं। पिछले कुछ महीनों से वह सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं ताकि अधिकारियों को यह भरोसा दिलाया जा सके कि वह जिंदा हैं। अपने सीने पर “मैं जिंदा हूँ” लिखी तख्ती लगाकर वह गांव में घूम रहे हैं।
एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अगर कोई कागजों में मृत घोषित हो, तो वह अपनी जमीन का मालिक नहीं बन सकता। इसी कारण आजादी के बाद से देश में कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें जिंदा होने के बावजूद लोगों को उनकी संपत्ति से बेदखल किया गया। अरुण कुमार ठाकुर ने बताया कि वे वर्ष 2003 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। दो साल पहले उनकी पत्नी का निधन हो चुका है। उनके दो बेटे नीतेश कुमार और गंगेश कुमार हैं। उन्होंने कहा कि कुछ भू माफियाओं ने उनकी जमीन हड़पने के लिए वर्ष 2014 में फर्जी तरीके से उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया।
यह जानकारी उन्हें तब मिली, जब कुछ लोग उनकी खेत की जमीन पर कब्जा करने आए। उन्होंने अपनी बड़ी बहू चिंतामणि को मौके पर भेजा। वहां पहुंचकर पता चला कि अरुण ठाकुर को कागजों में 11 साल पहले मृत घोषित कर दिया गया है। ग्रामीणों ने उनके मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी भी उपलब्ध कराई।
इसके बाद अरुण ठाकुर अपनी बड़ी बहू के साथ कल्याणपुर अंचल कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अंचल कार्यालय ने उन्हें पंचायत सचिव से मिलने की सलाह दी। इसके बाद वे सीधे डीएम कार्यालय पहुंचे और डीएम रोशन कुशवाहा को लिखित आवेदन सौंपा।
अरुण ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि भू माफियाओं ने जमीन हड़पने की साजिश के तहत उनके दोनों बेटों को शराब की लत लगवा दी और नशे की हालत में वर्ष 2024 और 2025 में करीब छह कट्ठा जमीन लिखवा ली। उन्हें यह धोखाधड़ी तब तक पता नहीं चली जब तक भू माफिया जमीन पर कब्जा करने नहीं पहुंचे। डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि सैनिक ने उनके कार्यालय में आवेदन दिया है और मामले की जांच चल रही है। फिलहाल अरुण ठाकुर के मृत्यु प्रमाण पत्र को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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