बिहार: नालंदा में डायरिया का कहर; एक ही घर के दो बच्चों समेत तीन की मौत

बिहार शरीफ में डायरिया से एक ही परिवार के दो बच्चों समेत तीन बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया है। लोगों ने नगर निगम को कटघरे में खड़ा किया है। क्षेत्र में साफ-सफाई न होने और दूषित पानी मिलने की बात भी कही है।

नालंदा के बिहार शरीफ नगर निगम क्षेत्र के नव सृजित वार्ड-47 के काको बीघा में डायरिया का कहर देखने को मिला है। यहां विगत दो दिनों में डायरिया की चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत हो गई है। इनमें एक ही परिवार के दो बच्चे भी शामिल हैं। मृतकों में रंजीत पांडे की बेटी परिधि कुमारी (5) और परी कुमारी है। जबकि कारू सिंह के बेटे गोलू कुमार (11) की भी डायरिया से मौत हो गई है।

परी और परिधि के दादा मोती लाल पांडे ने बताया कि घर की बच्चियों को उल्टी-दस्त की शिकायत पर निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के बाद एक बच्ची की गुरुवार को जबकि दूसरी बच्ची की शुक्रवार को मौत हो गई। इलाज के दौरान डॉक्टर ने कहा कि दोनों बच्चियों को डायरिया हो गया है। बेहतर इलाज के लिए पटना ले जाना पड़ेगा। लेकिन पैसे के अभाव में पटना नहीं ले जा सके और एक-एक कर घर की दो बच्चियों ने दम तोड़ दिया। जबकि परी और परिधि की बहन अंजली की भी तबीयत खराब हो गई है, जिसे इलाज के लिए शुक्रवार को भर्ती कराया गया है।

वहीं, गोलू के परिजनों ने बताया कि अचानक से उल्टी और दस्त होने लगे। मेडिकल से दवा लाकर गोलू को खिलाई गई, तबीयत और बिगड़ गई। उसके बाद डॉक्टर के यहां ले जाने लगे, तब तक उसकी मौत हो गई। रक्षाबंधन के मौके पर गोलू अपनी मां के साथ ननिहाल गया था।

मोहल्लावासी अरुणेश यादव ने बताया कि 19 अगस्त से डायरिया का प्रकोप पूरे गांव में फैला हुआ है। किसी भी प्रकार की सरकारी स्तर पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में भी डायरिया पीड़ितों का इलाज बेहतर ढंग से नहीं हो रहा है। किसी प्रकार लोग अपने स्तर से निजी क्लीनिक में डायरिया पीड़ित मरीज का इलाज करा रहे हैं। गरीबी की वजह से परी और परिधि की मौत हो गई है। 50 से 60 लोग डायरिया से पीड़ित हो चुके हैं। वर्तमान समय में कई लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं।

वहीं, वार्ड-47 के वार्ड प्रतिनिधि धनपत कुमार ने बताया कि पीने के पानी की किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। निगम के अधिकारियों को कई बार इस बारे में कहा गया है। लेकिन कोई पहल नहीं की जा रही है। वर्तमान समय में जो नल से जल लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। उसमें कई जगह लीकेज हो गई है, जिसके कारण नाली का गंदा पानी भी पाइप में प्रवेश कर जाता है और लोगों को वही पानी पीना पड़ रहा है। डायरिया की सूचना भी निगम के अधिकारियों के संज्ञान में लाई गई। लेकिन साफ-सफाई, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और कचरा उठाव अब तक नहीं कराया गया है।

बिहार शरीफ प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि सूचना मिलने के बाद मेडिकल टीम को तैनात किया गया है। ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराया जा रहा है। अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर वरीय अधिकारियों को बात संज्ञान में दी गई है।

जिला मुख्यालय बिहार शरीफ से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित काको बीघा पहुंचने में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और निगम के अधिकारियों को पहुंचने में पांच दिन का वक्त लग गया। निगम के द्वारा जहां साफ-सफाई और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव शुक्रवार को किया गया तो वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम की भी प्रतिनयुक्ति कर दी गई है। जबकि एक एंबुलेंस भी मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए काको बीघा में लगाई गई है।

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