बिहार में 28 अक्टूबर को पहले चरण के तहत 71 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसके साथ राजनीतिक दल दूसरे चरण के चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि दूसरे चरण के मैदान में उतरे कितने प्रत्याशी दागी हैं। उन पर किस-किस तरह के मामले दर्ज हैं। आपको बता दें कि ये सभी आंकड़े एडीआर की उस रिपोर्ट के आधार पर दिए गए हैं, जिनका का ऐलान उम्मीदवारों ने अपने-अपने घोषणा-पत्र में किया है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार चुनाव के दूसरे चरण में कुल 1463 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 502 प्रत्याशियों यानी 34 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, 27 प्रतिशत प्रत्याशी गंभीर आपराधिक अपराधों में नामजद हैं, जिनकी कुल संख्या 389 है। इनके अलावा कुल 1463 उम्मीदवारों में 34 प्रतिशत यानी 495 प्रत्याशी करोड़पति हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे चरण में ताल ठोंक रहे प्रत्याशियों में औसतन संपत्ति 1.72 करोड़ रुपये है। आपको बता दें कि ये सभी जानकारी प्रत्याशियों के घोषणा पत्र के आधार पर हैं।
एडीआर की रिपोर्ट की मानें तो सभी राजनीतिक दलों में दागी उम्मीदवारों की भरमार है। आंकड़ों की बात करें तो राजद में सबसे 64 प्रतिशत उम्मीदवार दागी हैं। यानी कि पार्टी के 56 में से 36 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 46 में से 29 प्रत्याशियों के साथ आंकड़ा 63 प्रतिशत, कांग्रेस के 24 में 14 प्रत्याशियों के साथ आंकड़ा 58 प्रतिशत, लोजपा के 52 में से 28 प्रत्याशियों के साथ आंकड़ा 54 प्रतिशत है। इसी तरह बसपा के 33 में से 16 उम्मीदवार और जदयू के 43 में से 20 उम्मीदवार दागी हैं। इन सभी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
प्रत्याशियों के घोषणा पत्र के मुताबिक, दूसरे चरण में मैदान में उतरने वालों में राजद के 56 में 28 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर लोजपा है, जिसके 52 में से 24 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। भाजपा के 46 में से 20, बसपा के 33 में से 14, कांग्रेस के 24 में से 10 और जदयू के 43 में से 15 उम्मीदवार इस लिस्ट में शामिल हैं।
एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 49 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ महिला संबंधित आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इनमें से 4 प्रत्याशियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत केस दर्ज होने की बात सामने आई है।
बता दें कि दूसरे चरण में ताल ठोंक रहे कुल 1463 उम्मीदवारों में 143 के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने का निर्देश दिया था, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बावजूद राजनीतिक दलों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। सभी प्रमुख दलों ने बिहार चुनाव के दूसरे चरण के लिए 47 से 64 प्रतिशत दागी उम्मीदवारों को टिकट बांटे हैं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 को सभी राजनीतिक दलों को खासतौर पर निर्देश दिए थे कि उन्हें आपराधिक मामलों में संलिप्त प्रत्याशियों का चयन करने का कारण बताना होगा। साथ ही, यह भी स्पष्ट करना होगा कि बिना आपराधिक छवि वाले व्यक्तियों को क्यों नहीं चुना गया?