बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी संग्राम तेज होने लगा है. सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं. हालांकि अभी तक बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. सूबे में विधानसभा चुनाव से पहले लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान अपने ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ यात्रा पर समस्तीपुर पहुंचे.

इस दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना जोरदार हमला बोला. साथ ही बिहार में बढ़ते अपराध और विकास के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश की. चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश राज में बिहार में अपराध बढ़े है, जो बेहद चिंताजनक है.
उन्होंने कहा कि राज्य में आपातकालीन 100 नंबर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है. अपराधियों में पुलिस प्रशासन का तनिक भी खौफ नहीं हैं. इतना ही नहीं, सूबे के हर जिले में महिला पुलिस की भारी कमी है, जिसके चलते महिलाएं अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आ पाती हैं. हालांकि चिराग पासवान ने कटाक्ष करते समय सीधे तौर पर नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया.
चिराग पासवान ने यह भी सफाई दी कि हम राज्य में सरकार का हिस्सा नहीं है. चिराग पासवान ने अपनी यात्रा के दौरान कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अपना घोषणापत्र चुनाव आने से पहले तैयार कर लेना चाहिए, क्योंकि घोषणापत्र नहीं होने की वजह से चुनाव नजदीक आते-आते विकास के मुद्दे दूर हो जाते हैं और धर्म, जाति व हिन्दू-मुस्लिम चुनावी मुद्दा बन जाते हैं. यह समाज और देश के लिए ठीक नहीं है. चुनावी मुद्दा बिहार को विकसित राज्य बनाने का होना चाहिए.
उन्होंने यस बैंक के मामले को भी उछाला और कहा कि केंद्र सरकार इसको गम्भीरता से लेना चाहिए. निवेशकों का पैसा न डूबे, इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए. इसको लेकर लोगों में चिंता बढ़ गई है और लोग पैसा निकालने के लिए भाग रहे है. इस पर केंद्र सरकार मजबूती से काम करें.
जब चिराग पासवान और प्रिंस पासवान समस्तीपुर पहुंचे, तो कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया और ‘बिहार का सीएम कैसा हो चिराग पासवान जैसा हो’ के नारे भी लगाए. इस यात्रा के दौरान बिहार की समस्याओं से रूबरू होने के लिए पार्टी की तरफ से एक टोल फ्री नम्बर भी जारी किया गया, जिस पर बिहार के लोगों से सुझाव देने की अपील की गई है.
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट यात्रा के दौरान जितने भी सुझाव जनता की तरफ से आएंगे, उनको बिहार के सीएम के समक्ष रखेंगे. इसके बाद जब गठबंधन की दोबारा सरकार बनेगी, तो इसको हम न्यूनतम कार्यक्रम से जोड़ने का काम करेंगे. चिराग ने कहा कि जो भी फीडबैक मिल रहा है, उसको लेकर सीएम नीतीश कुमार के पास जाएंगे.
चिराग पासवान ने एनपीआर और एनआरसी के पूछे गए सवाल पर कहा कि एनपीआर को लेकर हम लोगों के भी कुछ मुद्दे थे, जो सदन में भी हमने उठाए थे और गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर उनके समक्ष रखा था.
एनपीआर कोई नई प्रक्रिया नहीं है, लेकिन इसमें कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं. इसकी वजह से लोगों की चिंता बढ़ी है. इसको लेकर लोगों के बीच यह भ्रम फैलाया गया कि इसके आधार पर एक लिस्ट तैयार की जाएगी और दस्तावेज नहीं पेश कर पाने वाले लोगों को डाउट की कटेगरी में रख दिया जाएगा.
चिराग पासवान ने कहा, ‘जब मैं गृहमंत्री से मिला, तो उन्होंने कहा कि कोई ऐसी लिस्ट तैयार नहीं की जा रही है. चिराग ने कहा कि बिहार सरकार ने पुराने आधार पर प्रस्ताव पारित किया कि जिस तरह से पहले हुआ था, उसी आधार पर होना चाहिए. इसके लिए हम लोग राज्य सरकार के फैसले से सहमत हैं और सर्मथन भी करते हैं.
उन्होंने कहा कि जहां तक एनआरसी की बात है, तो मेरा विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है. वो सरकार के हेड हैं. पीएम ने इस बात को प्रमुखता से कहा हैं कि एनआरसी पर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है. एनआरसी आने का कोई सवाल ही नहीं हैं.
इस दौरान चिराग पासवान ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)पर विपक्ष पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सीएए पर विपक्षी नेता झूठ बोल रहे हैं. सीएए का हिंदुस्तान के हिंदू और मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है. इससे किसी की नागरिकता जाने का सवाल ही नहीं हैं.
इसके बावजूद विपक्ष लोगों में भ्रम फैला रहा है. चिराग पासवान ने कहा कि ये तो आने वाले दो से चार वर्षों में पता चल जायएगा कि इससे कितने लोगों की नागरिकता गई. सीएए पर झूठ बोलने वालों को देश कभी माफ नहीं करेगा. इनके झूठ ने पिछले दो महीने से देश को जलाने का काम किया गया हैं.
देश की आर्थिक हालात पर पूछे गए सवाल पर चिराग पासवान ने कहा, ‘मुझे पूरी उम्मीद हैं कि केंद्र सरकार इसको पूरी गम्भीरता ले रहा है. साथ ही मांग करता हूं कि जितने भी निवेशकों का पैसा यस बैंक में फंसा है, उनको मिलना चाहिए. किसी का नुकसान नहीं होना चाहिए, यह सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए. मैंने कुछ समय पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भी लिखा था.’
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