बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक स्तर पर पहुंचता जा रहा है. इसी के साथ बाढ़ ने भी गंभीर स्थिति पैदा कर दी है. प्रदेश की इस दशा पर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है.

खासकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हर दिन सरकार को घेर रहे हैं. तेजस्वी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना महामारी पर लगाम लगाने में विफल रहे हैं. इस कड़ी में गुरुवार को तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘बिहार के मुख्यमंत्री इस गंभीर आपदाकाल में भी 4 महीने से अदृश्य हैं. इस निर्दयी सरकार ने छात्रों, मज़दूरों, मरीज़ों, ग़रीबों और आम आदमी को मुसीबत के बीच छोड़ दिया.’
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मुख्यमंत्री जी नैतिकता, मर्यादा, ज़िम्मेवारी और अंतरात्मा को त्याग 128 दिनों से अपने आलीशान बंगले में बैठे जातीय गुणा-भाग में लगे हैं ताकि उनकी कुर्सी की सेहत को कोई फर्क न पड़े. लोग मरें तो मरें.
इस संकटकाल में मुख्यमंत्री की निष्क्रियता अतिचिंतनीय विषय है. एनडीए के 39 लोकसभा सांसद क्षेत्रों से ग़ायब हैं. सरकार के कोई भी प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में नहीं गए. मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल नदारद है.
बाढ़ की विभीषिका में जल संसाधन मंत्री का कुछ अता-पता नहीं और न ही स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्री का. हम विपक्ष में रहते हुए भी दिन-रात पीड़ितों और जरूरतमंदों को हर संभव सहायता करने का प्रयास कर रहे हैं.’
इससे पहले सोमवार को भी तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि बिहार में सरकार चुनाव की तैयारी में लगी है और लोग कोरोना से मर रहे हैं. लोकतंत्र तभी रहेगा जब लोग रहेंगे. तेजस्वी ने कहा कि अभी सरकार को लोगों की जान बचाने में लगना चाहिए, न कि चुनाव की चिंता करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा था कि अमेरिका में 1,38,000 लोग मरे हैं. क्या मुख्यमंत्री बिहार में भी इतने लोगों को मरवाना चाहते हैं?
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